Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंदुत्व की ओर झुकना.. तो सपा का असली खेल ये है, महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन की खुल गई पोल

    Updated: Sat, 07 Dec 2024 10:31 PM (IST)

    Maharashtra News महाराष्ट्र चुनाव में मिली करारी हार के बाद महा विकास आघाड़ी में दरार पड़ चुकी है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने अलग होने का फतवा सुना दिया है। इस बीच सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। आजमी का आरोप है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने हिंदुत्व का एजेंडा अपना लिया है।

    Hero Image
    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और अबू आसिम आजमी। ( फाइल फोटो )

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने उद्धव ठाकरे के पुनः हिंदुत्व की ओर झुकने का बहाना लेकर महाविकास आघाड़ी से अलग होने का निर्णय भले आज लिया हो, लेकिन उनका मन तो विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे के समय ही खट्टा हो गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विधानसभा चुनाव के दौरान जब महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे की बातचीत चल रही थी तो तीनों मुख्य दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) एवं राकांपा (शरदचंद्र पवार) की किसी भी बैठक में छोटे दलों को आमंत्रित नहीं किया जाता था।

    आजमी ने चला था ये दांव

    लोकसभा चुनाव के दौरान मविआ के साथ रहे वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर को भी यही शिकायत थी और अब विधानसभा चुनाव में सपा नेता अबू आसिम आजमी को भी यही शिकायत रही। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा को अच्छी सफलता मिलने के बाद आजमी ने वहां के नवनिर्वाचित करीब 35 सपा सांसदों को मुंबई बुलाकर इसी उम्मीद से एक बड़ा ‘शो’ किया था कि मविआ में उन्हें सम्मानजनक स्थान मिलेगा।

    12 सीटों पर लड़ना चाहती थी सपा

    मुंबई सहित महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या बहुतायत में है। इनमें अखिलेश यादव के बहुप्रचारित पीडीए की संख्या भी ठीक ठाक है। इसी वोटबैंक के सहारे वह महाराष्ट्र में इस बार 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे।

    महाराष्ट्र में सपा का चेहरा हैं आजमी

    महाराष्ट्र की राजनीति आजमी के लिए नई भी नहीं है। पिछले तीन दशक में वह सपा को मुंबई में अच्छी सफलता दिला चुके हैं और कई बार कांग्रेस जैसे सेक्युलर दलों का खेल भी खराब कर चुके हैं। मूलरूप से उत्तर प्रदेश की पार्टी होने के बावजूद अबू आसिम आजमी के नेतृत्व में महाराष्ट्र विधानसभा में 1995 में ही उसके तीन विधायक चुनकर आ गए थे।

    जब रिकॉर्ड वोटों से दर्ज की जीत

    1997 में तो मुंबई महानगरपालिका में उसके 22 सभासद भी चुनकर आए। जिनके सहारे विधान परिषद में भी वह अपना एक सदस्य भेजने में सफल रही। 2009 में अबू आसिम आजमी भिवंडी और गोवंडी दो सीटों से चुनाव लड़े और दोनों सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाया। 2014 में वह अकेले ही गोवंडी से चुनकर आए और 2019 में वह स्वयं गोवंडी से और उनकी पार्टी के एक और विधायक रईस अहमद भिवंडी से चुने गए।

    अघाड़ी ने सपा को नहीं दिया महत्व

    इस बार सपा मुंबई और ठाणे के अलावा औरंगाबाद और मालेगांव की भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही थी। लेकिन मविआ ने उन्हें अधिक महत्त्व नहीं दिया। उन्हें उनकी वही दो सीटें दी गईं, जो 2019 में भी वह जीते थे। हालांकि अबू आसिम आजमी मालेगांव आकर पांच उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर गए थे।

    मगर मविआ ने वहां भी सपा के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी। इसके बावजूद अबू आसिम आजमी ने भाजपा को मात देने के उद्देश्य से उस समय महाविकास आघाड़ी में ही बने रहना उचित समझा। मगर चुनाव पूर्व के अपमान का गुबार कई और कारणों को मिलाकर आज फूटा और उन्होंने मविआ से अलग होने का फैसला कर लिया।

    यह भी पढ़ें: हर क्षेत्र में पिटी महाविकास आघाड़ी, उत्तर महाराष्ट्र में उद्धव सेना साफ; तो शरद पवार की पार्टी का रहा बुरा हाल

    यह भी पढ़ें: किसान प्रतिनिधियों की वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक; सस्ता कर्ज, टैक्स कम करने और PM Kisan की राशि दोगुनी करने की मांग