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    साइकिल की सवारी और झोपड़ी आशियाना, पढ़ें कौन हैं प्रताप सारंगी जो धक्कामुक्की में हुए घायल; मोदी भी हैं इनके मुरीद

    Updated: Thu, 19 Dec 2024 01:16 PM (IST)

    बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी संसद में चोटिल हो गए हैं। सारंगी का आरोप है कि राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया। धक्कामुक्की में बीजेपी के अन्य सांसद मुकेश राजपूत को भी चोट लगी है। दोनों सांसदों का इलाज चल रहा है। प्रताप सारंगी को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है। 2019 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली थी।

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    सांसद प्रताप सारंगी संसद में धक्कामुक्की में घायल (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद परिसर गुरुवार को कुश्ती का अखाड़ा बन गया। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद आंबेडकर मुद्दे पर आमने-सामने आ गए। सांसदों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। इसी धक्कामुक्की में बीजेपी के सांसद मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी घायल हो गए।

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    दोनों सांसदों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। मुकेश राजपूत को आईसीयू में भर्ती किया गया है। वहीं, सारंगी का इलाज दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में चल रहा है। सारंगी ने चोट लगने की वजह राहुल गांधी को बताया है। सारंगी ने दावा किया कि राहुल गांधी के धक्के के कारण दोनों को चोट लगी।

    कौन हैं प्रताप सारंगी?

    बीजेपी के मौजूदा सांसद और विधायक रह चुके प्रताप सारंगी सादगी की मिसाल हैं। साल 2019 में वह बालासोर से पहली बार सांसद चुने गए थे। तब उन्हें पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। प्रताप सारंगी को मोदी का करीबी माना जाता है।

    मां से कहा था- रिश्वत नहीं लूंगा

    सारंगी ने अपनी मां से कभी रिश्वत नहीं लेने की कसम खाई थी। कहा जाता है कि एक बार उनकी झोपड़ी के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लगा था। वे उनसे विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुरोध कर रहे थे। काफी दबाव के बाद सारंगी को मां से चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई। अनुमति लेने से पहले उन्होंने मां से वादा किया वो कभी ना झूठ बोलेंगे और ना ही रिश्वत लेंगे।

    साइकिल में घूमते थे सांसद

    प्रताप सारंगी विधायक रहने के बावजूद भी साइकिल से घूमते थे और झोपड़ी में रहा करते थे। केंद्र सरकार में मंत्री बनने से पहले उनका ये ही पता था। सारंगी का जीवन स्वामी विवेकानंद से प्रभावित रहा। स्कूल के दौरान उन्होंने विवेकानंद पर एक भाषण सुना था। इसका सारंगी के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा।

     

    सारंगी समाजसेवा करना चाहते थे। कॉलेज की शुरुआत में ही वह आरएसएस के संपर्क में आ गए थे। इसके बाद तहसील, जिला से होते हुए बजरंग दल समेत आरएसएस के विभिन्न संगठनों में कई पदों पर रहे। नीलगिरी में कई स्कूल खुलवा चुके हैं। अपनी पेंशन के पैसों का इस्तेमाल भी वह सामाजिक कार्यों में करते रहे हैं।

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