नहीं बन रही बात... ठंडे बस्ते में गया वक्फ बिल! JPC का बढ़ गया कार्यकाल, जानिए क्यों हुआ ऐसा
वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति का कार्यकाल अगले बजट सत्र तक बढ़ा दिया गया है। समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने संक्षिप्त वॉकआउट किया जिसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए और समय मांगेगी। इसके बाद समिति के कार्यकाल को बजट सत्र के पहले हफ्ते तक के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ से जुड़े नए कानून को लेकर फिलहाल दो महीने तक का और इंतजार करना होगा। विपक्ष सदस्यों के हंगामे और बैठक का बहिष्कार करने के बाद वक्फ विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर आखिरकार सहमति बन गई है।
जेपीसी अब बजट सत्र के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी। जो संभवत: 29 जनवरी 2025 से शुरू होगा। हालांकि इसके कार्यकाल को बढ़ाने पर अंतिम फैसला लोकसभा अध्यक्ष का होता है। जो गुरुवार को इसकी अधिकारिक घोषणा कर सकते है।
वक्फ पर गठित जेपीसी
वैसे तो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जेपीसी को 29 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करनी थी। शीतकालीन सत्र के अपने एजेंडे में सरकार ने इस विधेयक को प्रमुखता से रखा है। ऐसे में माना जा रहा था कि समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार इस विधेयक को पारित कराएगी। वक्फ पर गठित जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग वैसे तो विपक्ष काफी दिनों से कर रहा था।
विपक्ष का लगातार हंगामा
पिछले दिनों विपक्षी सदस्यों ने इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी। साथ ही उन्होंने समिति के कार्यकाल को बढ़ाने का भरोसा भी दिया था। बुधवार को बुलाई गई समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की लेकिन जैसे ही इसे अंतिम बैठक के साथ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 29 नवंबर को इसकी रिपोर्ट सौंपने की जानकारी दी गई, तो विपक्ष सदस्य बिफर गए और हंगामा करने लगे।
बैठक का बहिष्कार
आखिर में बैठक में जब उनकी बात नहीं सुनी गई, तो विपक्ष सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। बैठक का बहिष्कार करने वाले सांसदों में शामिल कल्याण बनर्जी, गौरव गोगोई, संजय सिंह और असदुद्दीन ओबैसी ने कहा कि समिति ने जब अपना काम ही पूरा नहीं किया है तो कैसी रिपोर्ट पेश की जाएगी।
गतिरोध को खत्म करने की पहल
सांसदों का कहना था कि तय कार्यक्रम के तहत समिति को बिहार, पश्चिम बंगाल व जम्मू-कश्मीर का दौरा करना है। साथ ही कुछ और पक्षकारों से विधेयक पर चर्चा करनी है, ऐसे में इसे कैसे सत्ता पक्ष पेश करने की बात कर रहा है। इस बीच करीब घंटे भर तक चले हंगामे के बाद दोनों ओर से गतिरोध को खत्म करने की पहल शुरू हुई।
विपक्ष सांसद बैठक में लौटे
इसके बाद समिति के कार्यकाल को बजट सत्र के पहले हफ्ते तक के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद फिर से बैठक का बहिष्कार गए विपक्ष सांसद बैठक में लौटे। इसके बाद यह सहमति बनी कि समिति अब अगले सत्र के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी। जो संभवत चार या पांच फरवरी को देगी।
प्रस्ताव की जानकारी
बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने भी समिति के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव की जानकारी दी। साथ ही कहा कि वह समिति के एजेंडे में कुछ और विषय है, जिन्हें सभी सदस्य जानना चाहते है। इसके साथ ही समिति कुछ राज्यों के अपने प्रस्तावित दौरे भी नहीं कर पायी थी। ऐसे में अब वह बढ़ी अवधि में इसे पूरा करेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।