New Vice President 2025: आज मिलेगा देश को नया उपराष्ट्रपति, राधाकृष्णन के सामने सुदर्शन; क्या कहते हैं आंकड़े?
उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा और विपक्षी गठबंधन आईएनडीआइए ने सांसदों के साथ बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। बीजद और बीआरएस ने मतदान में हिस्सा न लेने की घोषणा की है। राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्ष के बी सुदर्शन रेड्डी से है लेकिन संख्या बल के आधार पर राधाकृष्णन की जीत तय मानी जा रही है।

संजय मिश्र, जागरण, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को होने वाले मतदान से पहले सोमवार को सत्तापक्ष तथा विपक्ष ने अपने-अपने सांसदों के साथ बैठक कर चुनावी मुकाबले की तैयारियां पूरी कर लीं। भाजपा ने वोटिंग से पहले अपने सांसदों की कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत पार्टी के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया।
उधर, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार तथा अखिलेश यादव की मौजूदगी में विपक्षी गठबंधन आईएनडीआइए के सांसदों की बैठक में माक वोटिंग के जरिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। इस बीच, वोटिंग से एक दिन पहले बीजू जनता दल तथा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के मतदान में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा कर चुनावी परिदृश्य की तस्वीर पूरी तरह साफ कर दी।
राजग का पलड़ा भारी
उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का सीधा मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी से है। आंकड़ों की बिसात पर देखें तो विपक्ष के मुकाबले राजग के संसद के दोनों सदनों में बहुमत को देखते हुए राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है। सोमवार को संसद परिसर में पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों में सियासी गहमागहमी रही।
सत्ताधारी राजग गठबंधन के सांसदों की कार्यशाला बैठक में चुनावी प्रक्रिया तथा मतदान करने के तौर-तरीके समझाए गए। वहीं संविधान सदन के सेंट्रल हाल में विपक्षी सांसदों की बैठक में वोटिंग प्रक्रिया की जानकारी माक वोटिंग के जरिए दी गई। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दोनों सदनों के कुल 788 सांसदों में से 781 सदस्य मतदान में हिस्सा लेंगे। राज्यसभा की छह तथा लोकसभा की एक यानि उपराष्ट्रपति चुनाव निर्वाचक मंडल की कुल सात सीटें रिक्त है।
राधाकृष्णन की जीत लगभग सुनिश्चित
वोटिंग के लिए सांसदों को पक्ष-विपक्ष के दोनों उम्मीदवारों के नाम वाले मतपत्र दिए जाएंगे, जिन पर उन्हें अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने 'एक' लिखकर अपनी पसंद बतानी होगी। प्रक्रिया के अनुरूप वोटिंग नहीं करने वाले सांसदों का वोट रद हो जाएगा। निर्वाचक मंडल के मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से लोकसभा में राजग के 293 तथा राज्यसभा में 129 सदस्य हैं यानी कुल 422 सांसद।
इन आंकड़ों के दम पर राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन की जीत सुनिश्चित है। राजग को जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों का वोट जोड़ने पर यह आंकड़ा 433 पहुंच जाता है। तेलंगाना-आंध्र प्रदेश पृष्ठभूमि के सुदर्शन रेड्डी के उम्मीदवार बनने के बाद भी जगन ने राजग को समर्थन का एलान किया था। उधर, आइएनडीआइए के पास लोकसभा में 232 तथा राज्यसभा में 92 सदस्य यानी कुल 324 सांसदों का आंकड़ा है।
विपक्ष को बीजद तथा बीआरएस से उम्मीद थी, मगर दोनों पार्टियों ने भाजपा तथा कांग्रेस दोनों से दूरी बनाने की बात करते हुए सोमवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा की। बीजद का लोकसभा में एक भी सांसद नहीं मगर राज्यसभा में उसके सात सदस्य हैं। बीआरएस का भी लोकसभा में खाता शून्य है जबकि राज्यसभा में उसके चार सदस्य हैं।
आप कर रही रेड्डी का समर्थन
विपक्षी गठबंधन से अलग होने के बाद भी आम आदमी पार्टी रेड्डी का समर्थन कर रही है और राज्यसभा में उसके नौ सदस्यों का आंकड़ा उनके खाते में जाने की संभावना है। हालांकि तीन सांसदों को लेकर संदेह है। दिल्ली से राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पार्टी से विद्रोह कर पहले से ही भाजपा की राजनीतिक लाइन लेंथ पर चल रही हैं। ऐसे में उनका वोट भी सत्तापक्ष के उम्मीदवार के पक्ष में जाएगा, इसकी पुख्ता संभावनाएं हैं।
सियासी गलियारे में संदेह है कि आप के राज्यसभा सदस्य क्रिकेटर हरभजन सिंह वोटिंग में हिस्सा लेने आएंगे। वहीं, उद्योग जगत की पृष्ठभूमि वाले पंजाब से आप के एक और राज्यसभा सदस्य के भी राधाकृष्णन के पक्ष में वोट करने की चर्चाएं हैं। चूंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में व्हिप लागू नहीं होता, इसलिए क्रॉस वोटिंग करने वालों की सदस्यता पर किसी तरह का खतरा नहीं हैं। इस लिहाज से यह देखना रोचक होगा कि क्रास वोटिंग में पक्ष या विपक्ष दोनों का दांव कितना कामयाब होता है।
राजग के खाते में जा सकता है बसपा सांसद का वोट
बसपा एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जिसने यह घोषणा नहीं की है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में वह किस पाले में खड़ी है। हालांकि लोकसभा में उसका खाता शून्य है और राज्यसभा में बसपा का एक ही सदस्य है। बसपा के एकलौते सांसद रामजी गौतम के अनुसार पार्टी ने गोपनीय मतदान का फैसला किया है। वैसे बसपा की पिछले कई सालों से सियासत को देखते हुए माना जा रहा कि एनडीए उम्मीदवार को उसका अघोषित समर्थन मिलेगा।
लोकसभा में एक-एक सांसदों वाली पार्टियां अकाली दल तथा जेपीएम ने भी पक्ष या विपक्ष किसी के पाले में खड़ा होने की अभी तक घोषणा नहीं की है और वोटिंग के बाद ही इनकी तस्वीर साफ होगी। हालांकि आंकड़ों के गणित को देखते हुए राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन की सुनिश्चित जीत पर किसी तरह की संशय की गुंजाइश नहीं।
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