हिंदी को लेकर उदयनिधि स्टालिन ने उगला जहर, कहा- ये तमिल भाषा के लिए खतरा
Udhayanidhi Stalin on Hindi तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने हिंदी भाषा को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं वो अपनी मातृभाषा खो देते हैं। राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके और भाजपा के बीच ट्राई लैंग्वेज नीति और हिंदी भाषा थोपने को लेकर बहस तेज हो गई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म का विरोध करने वाले तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने अब हिंदी भाषा के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने चेतावनी दी है कि हिंदी की वजह से तमिल भाषा समाप्त हो जाएगा।
डिप्टी सीएम उदयनिधि ने मंगलवार को चेन्नई में कहा कि जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वो अपनी मातृभाषा खो देते हैं। राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके और भाजपा के बीच ट्राई लैंग्वेज नीति और हिंदी भाषा थोपने को लेकर बहस तेज हो गई है।
शिक्षा मंत्री ने फंड को लेकर क्या कहा है?
बता दें कि पिछले हफ्ते केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि तमिलनाडु को समग्र शिक्षा मिशन के लिए लगभग 2,400 करोड़ रुपए की धनराशि तब तक नहीं मिलेगा, जब तक वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से अपना नहीं लेते। ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर दक्षिण राज्यों और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
क्या है ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी?
दरअसल, नई शिक्षा नीति के अनुसार, हर राज्य के छात्रों को तीन भाषा सीखनी होगी, जिनमें से एक हिंदी होगी। तमिलनाडु सरकार ने हमेशा दो भाषा नीति की पैरवी की है। राज्य के स्कूलों में तमिलनाडु और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।
चेन्नई में उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान ने हमें खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा जब हम तीन-भाषा फॉर्मूला स्वीकार करेंगे, लेकिन हम आपसे (केंद्र सरकार) से भीख नहीं मांग रहे।
स्टालिन ने कहा, हम अपना हिस्सा मांग रहे हैं। अगर आप (भाजपा) सोचते हैं कि हमे धमका सकते हैं तो तमुलनाडु में ऐसा कभी नहीं होगा। तमिलनाडु के लोग देख रहे हैं। वे समय आने पर इसका जवाब जरूर देंगे।
कई लोगों ने तमिल भाषा के लिए शहादत दी: स्टालिन
उन्होंने आगे कहा कि ये द्रविड़ और पेरियार की भूमि है। जिन राज्यों हिंदी को स्वीकार किया है, वे अपनी मातृभाषाओं को खोने के कगार पर हैं। जिसमें भोजपुरी, हरियाणवी शामिल है।
उदयनिधि ने आगे कहा कि विदेश और इसरो में काम कर रहे अनगिनत ऐसे लोग हैं, जिन्होंने तमिल भाषा में पढ़ाई की और उन्हें हिंदी नहीं आती। थलमुथु, नटराजन और कीझपालुर चिन्नस्वामी जैसे शहीदों ने राजनीति नहीं, बल्कि तमिल के लिए जान गंवा दी।
बता दें कि साल 2023 में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुनलना डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी। इस बयान पर भाजपा ने कड़ा विरोध जाहिर किया था।
भाजपा ने क्या कहा है?
केंद्र सरकार में मंत्री एल. मुरुगन ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने केंद्र अनुदान के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। इस मुद्दे पर DMK राजनीति कर रही है।
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