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    उदयनिधि स्टालिन को SC से राहत, सनातन धर्म से जुड़े बयान के खिलाफ याचिकाएं खारिज; डेंगू-मलेरिया से की थी तुलना

    सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ पड़ी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। अदालत ने कहा कि इन याचिकाओं का अनुच्छेद 32 के तहत कोई आधार नहीं बनता। हालांकि याचिकाकर्ताओं के पास कानून के वैकल्पिक उपायों का इस्तेमाल करने की छूट है। बता दें कि उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी जिस पर बवाल मचा था।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Mon, 27 Jan 2025 09:52 PM (IST)
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    याचिकाओं पर विचार करने से कोर्ट का इंकार (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को बड़ी राहत दे दी है। उदयनिधि ने पिछले साल 'सनातन धर्म' के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया था।

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    अदालत ने उदयनिधि की विवादित टिप्पणी के लिए आपराधिक कार्रवाई की मांग करने वाली तीन रिट याचिकाओं पर विचार करने से इंकार कर दिया।

    पीठ ने खारिज की याचिका

    जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने पूछा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिकाओं को कैसे बरकरार रखा जा सकता है? पीठ ने याचिकाओं को ये कहते हुए खारिज कर दिया का अपीलकर्ता कानून के वैकल्पिक उपायों की मांग कर सकते हैं।

    सितंबर 2023 में चेन्नई में एक सम्मेलन में बोलते हुए जूनियर स्टालिन ने कहा था कि 'सनातन धर्म' सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसे मलेरिया और डेंगू की तरह खत्म कर देना चाहिए।

    लीगल टीम ने किया बचाव

    द्रमुक नेता की लीगल टीम ने कहा है कि तमिलनाडु और दक्षिणी राज्यों में, सनातन धर्म को हमेशा छुआछूत और जाति के आधार पर भेदभाव के चश्मे से देखा गया है और उनकी टिप्पणियों को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि टिप्पणियों का किसी भी हिंदू की भावना को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।

    तमिलनाडु में राज्यपाल से अनबन

    तमिलनाडु की स्टालिन सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच की तकरार किसी से छिपी नहीं है। गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल की तरफ से आयोजित पारंपरिक 'एट होम' रिसेप्शन में हिस्सा नहीं लिया।

    कार्यक्रम में एआईएडीएमके, भाजपा, डीएमडीके और पुथिया तमीजगम के नेता शामिल हुए थे। राज्यपाल रवि ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर स्टालिन सरकार पर जमकर निशाना साधा था।

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