जार्ज सोरोस और कांग्रेस के संबंधों पर संसद में हंगामा, अदाणी मुद्दे पर नहीं मिला सपा व टीएमसी का साथ
सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन स्थगित रही। जार्ज सोरोस और कांग्रेस के संबंधों पर लोकसभा और राज्यसभा का माहौल गर्म रहा। कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में ही राहुल गांधी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि अदाणी मामले में मुखर कांग्रेस अब बैकफुट पर है। उसने सदन चलाने की मांग की। मगर जार्ज सोरोस का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में सोमवार को अमेरिकी कारोबारी जार्ज सोरोस और कांग्रेस के साथ संबंधों को लेकर सामने आए नए गठजोड़ को लेकर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया। साथ ही दोनों सदनों में देश की संप्रभुता और सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। हालांकि इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया और कहा कि अदाणी मुद्दे पर ध्यान भटकाने के लिए सत्ता पक्ष यह झूठ फैला रहा है।
बैकफुट पर दिखी कांग्रेस
राज्यसभा में इस मुद्दे पर सबसे अधिक हंगामा हुआ। वहीं अब तक हंगामे आगे दिखने वाली कांग्रेस इस दौरान बैकफुट पर दिखी। उसके नेता सदन की कार्यवाही चलाने की मांग करते दिखे। इस पर सत्ता पक्ष ने उन्हें आड़े हाथ लिए और कहा कि जब वह हंगामा कर रहे थे तो ठीक था और अब खराब है।
यानी अनुकूल मुद्दा है तो हंगामा ठीक, अपने प्रतिकूल मुद्दा है तो गलत। यह दोहरा रवैया ठीक नहीं है। इस दौरान हंगामे के चलते दोनों सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे, फिर दो बजे, तीन बजे तक और बाद में पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
नहीं मिला टीएमसी और सपा का साथ
इस बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने हस्तक्षेप करते हुए सत्ता पक्ष व कांग्रेस पार्टी के सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की। मगर जब बात नहीं बनी तो सभापति ने कहा कि जब सभी सदस्यों ने देश की संप्रभुता और सुरक्षा की शपथ ली है तो फिर इस मुद्दे पर चर्चा कराने से किसी को आपत्ति क्यों? लोकसभा में कांग्रेस ने अदाणी के साथ राहुल गांधी को देशद्रोही कहे जाने पर माफी के मुद्दे पर हंगामा जारी रखा। हालांकि दोनों ही सदनों में कांग्रेस को इस मुद्दे पर टीएमसी और सपा जैसे विपक्षी दलों का साथ नहीं मिला।
कांग्रेस सांसदों ने किया विरोध प्रदर्शन
वहीं शिवसेना-यूटीबी उसके साथ खड़ी दिखी। कांग्रेसी सांसदों ने इस दौरान संसद परिसर के बाहर राहुल गांधी की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन भी किया। कांग्रेस ने इस बीच सभापति पर भेदभाव का आरोप लगाया है। भाजपा की ओर से जैसे ही जार्ज सोरोस और कांग्रेस का मुद्दा उछाला गया वैसे ही कांग्रेस ने विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सदन के नेता जेपी नड्डा ने कांग्रेस के इस रवैए की तीखी आलोचना की और कहा कि जब विषय अनुकूल तो हंगामा जब विषय प्रतिकूल को सदन चलाने की मांग। कांग्रेस अध्यक्ष व विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे सत्ता पक्ष का झूठ बताया और कहा कि अदाणी मुद्दे से बचने के लिए सत्ता पक्ष व सरकार की ओर से इसे तूल दिया जा रहा है।
विभाजनकारी ताकतों को हराने का संदेश सदन को देना चाहिए: धनखड़
सभापति धनखड़ ने कहा कि ऐसी ताकतें जो देश की संप्रभुता व सुरक्षा के लिए खतरा है और वह देश की प्रगति की राह में अगर रोड़ा खड़ा करने की कोशिश कर रही है, हमें उन्हें पहचानना होगा। उन्हें हराना होगा। यह एक ऐसी भावना है जिसके साथ देश के 140 करोड़ लोग खड़े है। यह भावना इस सदन से निकलनी चाहिए। हम ऐसी नापाक साजिशों को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
चुप रहे तो यह हमें कोविड बीमारी से अधिक नुकसान पहुंचाएगी। यह ऐसा अवसर है, जहां पूरे देश को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। ताकि देश सभी दुश्मनों को सबक मिले। हम अपनी राष्ट्रीयता को कम नहीं होने देंगे। हम अपनी एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए किसी भी चुनौती को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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