मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए पर्याप्त समय दे निर्वाचन आयोग, बोली टीडीपी
टीडीपी ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि आंध्र प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। टीडीपी का सुझाव है कि इसे किसी बड़े चुनाव के छह महीने के भीतर नहीं कराया जाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि नवीनतम मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं को पहचान पुन स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग में भाजपा के बाद सबसे बड़े दल टीडीपी ने निर्वाचन आयोग से आंध्र प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए पर्याप्त समय देने का आग्रह किया है।
टीडीपी का कहना है कि इसे किसी बड़े चुनाव के छह महीने के भीतर नहीं कराया जाना चाहिए और नवीनतम मतदाता सूची में पहले से शामिल मतदाताओं को अपनी पहचान पुन: स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
एसआईआर विवाद के बीच आया टीडीपी का सुझाव
टीडीपी की ओर से निर्वाचन आयोग को दिए सुझाव बिहार में चल रहे एसआईआर को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच आए हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव करीब होने के कारण इसका क्रियान्वयन और कई मामलों में संभावित मतदाताओं पर प्रमाण प्रस्तुत करने का दायित्व विपक्षी दलों की आलोचना का कारण बना है।
टीडीपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से कहा, 'एसआईआर का उद्देश्य स्पष्ट रूप से परिभाषित होना चाहिए और यह मतदाता सूची में सुधार व समावेशन तक सीमित होना चाहिए। यह स्पष्ट रूप से सूचित किया जाना चाहिए कि यह कवायद नागरिकता सत्यापन से संबंधित नहीं है।'
टीडीपी ने 'समावेश की धारणा' का समर्थन करते हुए कहा कि जो मतदाता पहले से ही नवीनतम प्रमाणित मतदाता सूची में शामिल हैं, उन्हें अपनी पात्रता पुन: स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए जब तक कि विशिष्ट और सत्यापन योग्य कारण दर्ज न किए जाएं।
टीडीपी के प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल?
टीडीपी ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मतदाता सूची में किसी व्यक्ति का नाम पहले से शामिल करने से उसकी वैधता की धारणा बनती है और नाम हटाने से पहले वैध जांच होनी चाहिए। इस प्रतिनिधिमंडल में संसदीय दल के नेता लावू श्री कृष्ण देवरायलु और इसके प्रदेश अध्यक्ष पल्ला श्रीनिवास राव शामिल थे।
टीडीपी के प्रतिनिधिमंडल ने कहा, 'साबित करने का दायित्व ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) या आपत्तिकर्ता पर होता है, मतदाता पर नहीं, विशेषकर जब नाम आधिकारिक सूची में मौजूद हो।' तेदेपा के इस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू व विवेक जोशी से मुलाकात की।
टीडीपी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में 2029 से पहले विधानसभा चुनाव नहीं होंगे, इसलिए एसआइआर के जरिये मतदाता सूचियों का निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी तरीके से अपडेशन सुनिश्चित करने का अच्छा अवसर है।
पार्टी ने पर्याप्त समय और अग्रिम सूचना की आवश्यकता पर बल देते हुए आयोग से कहा कि वह राज्य में यह प्रक्रिया यथाशीघ्र शुरू करे। टीडीपी ने कहा, 'मतदाताओं का विश्वास और प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एसआइआर की प्रक्रिया पर्याप्त समय के भीतर पूरी की जानी चाहिए, किसी भी प्रमुख चुनाव के छह महीने के भीतर नहीं।'
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