'मैं चार बार लोकसभा चुनाव जीती, कैसे कह सकती हूं EVM में गड़बड़ी है', सुप्रिया सुले ने 'अपनों' को दिखाया आईना
सांसद सुप्रिया सुले ने ईवीएम की विश्वसनीयता का बचाव किया। इसी के साथ उन्होंने अपनों को आईना भी दिखा दिया। दरअसल महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने शरद पवार की पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन में लड़ा। मगर करारी हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने ईवीएम पर खूब सवाल दागे। मगर सुले का बयान दोनों दलों से उलट है।

एएनआई, बारामती। लोकसभा और महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम पर सवालों की छड़ी लगा दी। मगर इस बीच महाराष्ट्र के बारामती से सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने बड़ी बात कही है। सुप्रिया सुले ने कहा कि जब मैं चार बार ईवीएम से चुनाव जीत चुकी हूं तो मैं कैसे कह सकती हूं कि इसमें गड़बड़ी है?
अजीत पवार के सामने हारे थे युगेंद्र
सुप्रिया सुले ने बारामती विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले पार्टी प्रत्याशी युगेंद्र पवार से दोबारा मतगणना का आवेदन वापस लेने को कहा है। बता दें कि युगेंद्र पवार ने बारामती सीट पर अपने चाचा अजीत पवार के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा। मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मैंने आवेदन वापस लेने को कहा
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है कि युगेंद्र पवार को दोबारा मतगणना की मांग नहीं करनी चाहिए। मैंने उनसे आवेदन वापस लेने को कहा और उन्होंने ऐसा ही किया है।
ईवीएम पर कैसे सवाल उठा सकती हूं?
सुप्रिया सुले चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। सुले ने ईवीएम की विश्वसनीयता का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जब मैं चार बार ईवीएम के माध्यम वोट पाकर चुनी गई हूं तो मैं कैसे दावा कर सकती हूं कि इसमें घोटाला है?
मतदाता सूची से जुड़े कुछ सवाल हैं
सुप्रिया सुले ने चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी कुछ वर्गों की चिंताओं को भी स्वीकार किया। कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि मतदाता सूची के बारे में बहुत सारे सवाल हैं। उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ पारदर्शी तरीके से होता है तो चुनाव ईवीएम से हो या बैलेट से... इसमें समस्या क्या है? सुले ने आगे कहा कि अगर लोग बैलेट पेपर से चुनाव करवाना पसंद करते हैं तो उससे ही होने दें। इसमें समस्या क्या है?।
ईवीएम से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री और पांच बार के विधायक करण सिंह दलाल की याचिका पर अगले साल जनवरी में सुनवाई करेगा। याचिका में हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम के सत्यापन की मांग की गई है। यह याचिका लखन कुमार सिंगला के साथ मिलकर दायर की गई है। याचिका मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई।
भारत निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने पीठ को बताया कि न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पहले भी इसी तरह की याचिका वापस ली जा चुकी है। जवाब में सीजेआई खन्ना ने निर्देश दिया कि याचिका को 20 जनवरी से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान न्यायमूर्ति दत्ता के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
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