महात्मा गांधी की जयंती पर वर्धा में कांग्रेस कार्यसमिति की विशेष बैठक
पार्टी ने वर्धा के सेवाग्राम आश्रम में 2 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया है। ...और पढ़ें
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कांग्रेस ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की शुरूआत के मौके पर मोदी सरकार को हटाने के लिए मैदान में उतरने का सियासी संदेश देने का फैसला किया है। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने वर्धा के सेवाग्राम आश्रम में 2 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया है।
कांग्रेस के मुताबिक राहुल गांधी की अगुआई में कार्यसमिति की बैठक के बाद वर्धा से भारत छोड़ो की तरह हिंसा और असहिष्णुता की पैरोकारी करने वाली मौजूदा सरकार को गद्दी से बाहर करने का अभियान शुरू होगा।
सेवाग्राम में कार्यसमिति की 2 अक्टूबर को होनेवाली इस बैठक में महात्मा गांधी की हिंसा व असहिष्णुता के खिलाफत और शांति और समरसता को लेकर प्रतिबद्धता का स्मरण करते हुए विशेष प्रस्ताव पारित किया जाएगा। कार्यसमिति की बैठक के साथ ही गांधीजी की साल भर तक चलने वाली 150वीं जयंती समारोह का पार्टी अपने स्तर पर आयोजन शुरू कर देगी।
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने वर्धा के सेवाग्राम में कार्यसमिति की बैठक बुलाने के फैसले को मौजूदा सियासी वक्त में बेहद अहम करार दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सत्ता में बैठे लोगों का लोकतंत्र में यकीन नहीं है और फासीवाद उनकी सोच की बुनियाद है। इसीलिए गांधी के राजनीतिक और सामाजिक मूल्यों के प्रति देश की वर्तमान पीढ़ी को जागरूक करना समय की जरूरत है। गहलोत ने कहा कि सेवाग्राम में कार्यसमिति की बैठक से पहले गांधीजी की स्मृति में विशेष प्रार्थना सभा होगी और फिर शांति मार्च भी निकाला जाएगा।
राहुल गांधी इन कार्यक्रमों के बाद एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे जिसमें जाहिर तौर पर कांग्रेस को महात्मा गांधी की सियासी विरासत के वास्तविक पहरुआ के रुप में पेश करने की कोशिश की जाएगी। पार्टी के इन सियासी इरादों का संकेत देते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा और उसकी मौजूदा सरकार को गांधी व सरदार की याद अभी आयी है और वे बड़ी मूर्ति बना रहे हैं। मगर हकीकत यह है कि पूरे देश में घृणा और नफरत का संदेश दे रहे हैं जो चिंता का विषय है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वर्धा में कार्यसमिति की बैठक बुलाने का ऐतिहासिक परिपेक्ष्य है क्योंकि 1942 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत छोड़ो का प्रस्ताव यहीं पारित किया गया था। गांधी स्वराज की मसाल जलाने के लिए वर्धा के सेवाग्राम आए और अंग्रेजों को देश से बाहर करने का निर्णायक फैसला यहीं हुआ। सुरजेवाला ने कहा कि इसीलिए कांग्रेस सेवाग्राम से नफरत, हिंसा, घोटाले और दमन की मौजूदा सत्ता को भगाने का शंखनाद करेगी।

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