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कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में चढ़ा सियासी पारा, राजनीतिक बयानबाजी शुरू

कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है।भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पार्टी में कलह है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 07:23 AM (IST)
कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में चढ़ा सियासी पारा, राजनीतिक बयानबाजी शुरू
कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में चढ़ा सियासी पारा, राजनीतिक बयानबाजी शुरू

भोपाल, एएनआइ। कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है। दरअसल कर्नाटक में सरकार गिरते ही भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान आया जिससे यह कयास लगाया जाने लगा कि राज्य में कमलनाथ सरकार को आगे दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान कहा 'हम यहां (मध्य प्रदेश) सरकार गिराने का कारण नहीं बनेंगे। कांग्रेस नेता खुद ही सरकार के पतन के लिए जिम्मेदार होंगे। कांग्रेस पार्टी के भीतर कलह है और उसे बसपा का समर्थन हासिल है, अगर कुछ होता है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।

शिवराज के बयान पर कमलनाथ सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने पलटवार किया है। भाजपा ने हमारे लिए समस्याएं पैदा करने के लिए सब कुछ किया है, लेकिन यह कमलनाथ की सरकार है, कुमारस्वामी की नहीं, उन्हें इस सरकार को हिलाने के लिए सात जन्म लेना होगा। 

इससे पहले सोमवार को मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आरोप लगाया था कि कमलनाथ सरकार को भाजपा अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी हुई है। उन्होंने 50 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव भी दिए हैं।

भाजपा की यह कोशिश कमलनाथ सरकार बनने के बाद से ही चल रही है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस सरकार बहुमत से चल रही है। भाजपा अपनी प्रयास में कभी सफल नहीं होंगी। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को पत्रकार वार्ता में ओझा सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा, प्रदेश प्रवक्ता जेपी धनोपिया, रवि सक्सेना, विभा पटेल और आनंद तारण ने ये आरोप लगाए।

इन कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव में हार के सदमे से अभी तक उबर नहीं पाई है। इन नेताओं ने सुझाव दिया कि भाजपा को कांग्रेस की मजबूत सरकार को गिराने की धमकियां देने के बजाय सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाना चाहिए। अभी भाजपा नेता यह भ्रम पैदा करने में लगे हैं कि कांग्रेस की सरकार स्थिर नहीं है। 


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