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    दलबदल की संभावना के बीच डिनर डिप्लोमेसी... आदित्य ठाकरे के माथे पर चिंता की लकीर, सांसद बोले- इसमें कुछ गलत नहीं

    Updated: Sat, 15 Feb 2025 11:47 PM (IST)

    एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसदों और मंत्रियों द्वारा आयोजित लंच और रात्रिभोज में शामिल हों या न हों नई दिल्ली में शिवसेना (यूबीटी) के सांसदों के सामने यह बड़ी दुविधा है। एक तरफ आदित्य ठाकरे कह रहे हैं कि सांसद ऐसे इवेंट में बिना पार्टी की अनुमति लिए शामिल न हों तो वहीं राजनीतिक जानकार इसमें कोई समस्या नहीं मानते। उन्होंने इसे आम बात बताया।

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    6 सांसदों के शिंदे गुट में शामिल होने की अफवाहों (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव गुट वाली शिवसेना के लिए एक नई दुविधा पैदा हो गई है। दरअसल शिंदे गुट वाली शिवसेना के सांसदों और मंत्रियों की तरफ से लंच और डिनर का आयोजन किया जा रहा है।

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    लेकिन उद्धव गुट के सांसद इस दुविधा में हैं कि वह इसमें शामिल हों या नहीं। शिवसेना (यूबीटी) के 6 सांसदों के शिंदे गुट में शामिल होने की अफवाहों के बीच कुछ सांसदों द्वारा डिनर में शामिल होने पर बवाल खड़ा हो गया।

    आदित्य ठाकरे ने किया मना

    दिल्ली दौरे के वक्त आदित्य ठाकरे ने सांसदों से बात की और कहा कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने से बचना चाहिए या कम से कम पार्टी से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए। ठाकरे का तर्क था कि इससे संभावित दलबदल की अटकलें लगाई जाती हैं।

    हालांकि उद्धव गुट वाली शिवसेना के सांसदों ने कहा कि दिल्ली में महाराष्ट्र के मंत्रियों द्वारा आयोजित रात्रिभोज या कार्यक्रमों में भाग लेना आम बात है और सांसदों को ऐसे कार्यक्रमों में जाने से रोकना सही नहीं है।

    दिल्ली में आम है डिनर डिप्लोमेसी

    • बता दें कि इस हफ्ते, उद्धव गुट वाली शिवसेना के 3-4 सांसदों को शिंदे गुट के मंत्रियों और सांसदों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया। इनमें से एक कार्यक्रम एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे द्वारा आयोजित किया गया था।
    • राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि इस तरह की डिनर डिप्लोमेसी और बैठकें दिल्ली में आम हैं, खासकर संसद सत्र के दौरान। उनका मानना है कि इसमें राजनीतिक सीमाओं से परे होते हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों को ऐसे आयोजनों में शामिल होने से रोकना असंभव और निरर्थक है।
    • आदित्य ठाकरे द्वारा अन्य दलों के नेताओं की तरफ से आयोजित बैठकों या भोजन में जाने पर पहले से सूचना देने की बात पर कुछ सांसद नाराज हो गए। सांसदों ने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सांसदों को बुलाया जाता है, तो आदित्य को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को एक तरफ रखना होगा।

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