शिवसेना के दोनों धड़ों को 23 नवंबर तक जमा कराना होगा दस्तावेज, निर्वाचन आयोग ने दिया निर्देश
निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के दोनों धड़ों से 23 नवंबर तक अपने नए दस्तावेज को जमा कराने का निर्देश दिया है। आयोग ने पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर अपने दावों के समर्थन वाले दस्तावेज जमा कराने को कहा है।

नई दिल्ली, एजेंसी। निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के दोनों धड़ों से पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर अपने दावों के समर्थन में 23 नवंबर तक अपने नए दस्तावेज को जमा कराने का निर्देश दिया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि यदि उसे कोई दस्तावेज नहीं मिलता है तो यह मान लिया जाएगा कि इस मुद्दे पर उनके पास कहने के लिए कुछ भी नया नहीं है।
पार्टी के नाम व चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर लगाई थी रोक
आयोग ने अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में दोनों गुटों को पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न तीर-धनुष का उपयोग करने से रोक दिया था। कहा था कि अंतरिम आदेश विवाद के अंतिम समाधान तक जारी रहेगा।
दिल्ली हाई कोर्ट से उद्धव गुट को लगा झटका
इससे पहले शिवसेना नाम या चुनाव चिन्ह धनुष और तीर के उपयोग नहीं करने के निर्वाचन आयोग के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। साथ ही न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने आयोग को मामले पर जल्द-से-जल्द अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
एकनाथ शिंदे की बगावत से पार्टी टूटी
बता दें कि शिवसेना की स्थापना 19 जून 1966 को बालासाहेब ठाकरे ने की थी। बीते कुछ वक्त से पार्टी में दो फाड़ हो गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों के साथ मिलकर पार्टी से बगावत कर दी और भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली। दोनों गुटों के बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था।
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