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    Jan Sangharsh Yatra: पायलट की चुनौती से न‍िपटने के ल‍िए राजस्‍थान में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बड़ी बैठक

    By AgencyEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Fri, 12 May 2023 03:44 PM (IST)

    कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और सह प्रभारी काजी मुहम्मद निजामुद्दीन अमृता धवन और वीरेंद् ...और पढ़ें

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    पायलट ने कहा है कि उनका मार्च किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर है।

    नई द‍िल्‍ली, पीटीआई। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्‍थान में भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर गुरुवार को अजमेर से जयपुर के लिए अपनी 'जन संघर्ष पद' यात्रा शुरू की थी। शुक्रवार को पायलट की यात्रा का दूसरा दिन है। इस बीच कांग्रेस की राजस्थान इकाई के शीर्ष नेताओं ने सचिन पायलट द्वारा दी गई चुनौती से निपटने की रणनीति बनाने के लिए एक बैठक बुलाई है।

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    बैठक में पायलट की यात्रा को लेकर चर्चा

    कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और सह प्रभारी काजी मुहम्मद निजामुद्दीन, अमृता धवन और वीरेंद्र राठौर सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी की गुरुद्वारा रकाब गंज रोड कार्यालय में बैठक हुई। संभावना जताई जा रही है क‍ि बैठक के दौरान पायलट की यात्रा को लेकर चर्चा की गई।

    भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर 'जन संघर्ष यात्रा' पर हैं पायलट

    पायलट ने गुरुवार को वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार और सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों को उठाने के लिए अजमेर से जयपुर तक 125 किलोमीटर लंबी 'जन संघर्ष यात्रा' शुरू की। पायलट ने कहा है कि उनका मार्च किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर है। उन्होंने दावा किया कि वह भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए डेढ़ साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हो रहा है।

    गहलोत और पायलट के बीच चल रही है सत्ता की लड़ाई

    बता दें, 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही पायलट और गहलोत के बीच सत्ता की लड़ाई चल रही है। 2020 में, पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ एक असफल विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके बाद उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और ड‍िप्‍टी सीएम के पदों से हटा दिया गया। पायलट ने पिछले महीने पार्टी की एक चेतावनी को नहीं माना था और राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार पर उनकी "निष्क्रियता" को लेकर गहलोत पर निशाना साधते हुए एक दिन का उपवास रखा था।