'वोट चोरी' के आरोपों से टकराते आंकड़े, भाजपा शासन में बढ़ा विपक्ष का वोट शेयर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद यह मुद्दा विपक्षी गठबंधन का राजनीतिक एजेंडा बन गया है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं को यह समझाना है कि कांग्रेस और राजद के वोट चोरी हो रहे हैं जिसके कारण वे चुनाव हार रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है और अब यह विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए का राजनीतिक एजेंडा बन चुका है।
बिहार में चल रही राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा का भी उद्देश्य मतदाताओं के बीच नैरेटिव बनाना है कि कांग्रेस, राजद या अन्य विपक्षी दल बीते कुछ चुनावों में इसलिए हार गए, क्योंकि उनके वोट चोरी हो गए। मगर, आंकड़े अनायास ही जिज्ञासा पैदा करते हैं कि यदि विपक्षी दलों के वोट चोरी हो रहे हैं या षड्यंत्र से कटवाए जा रहे हैं तो इनके चुनावी प्रदर्शन पर खास असर क्यों नहीं पड़ रहा?
क्या कहते हैं आंकड़े?
बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और विधानसभा चुनाव में राजद को पिछले कुछ चुनावों की तुलना में अधिक वोट कैसे मिले? जब कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी, तब की बात करें तो वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उसे 28.30 प्रतिशत वोट मिले। 2004 के चुनाव में वह 26.53 प्रतिशत पर आ गया।
2009 में वोटों में उसकी भागीदारी कुछ बढ़ी और आंकड़ा 28.55 प्रतिशत पर पहुंच गया। संकेत मिलता है कि जब केंद्र सहित कई राज्यों में कांग्रेस या उसके सहयोगियों की सरकार थी, तब भी प्रदर्शन में मामूली उतार-चढ़ाव था।
वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में कांग्रेस 19.52 प्रतिशत वोट शेयर पर सिमट गई। यह परिणाम किसी को भी अप्रत्याशित नहीं लगा, क्योंकि देश में सत्ता परिवर्तन की आहट साफ सुनाई दे रही थी। इसके बाद 2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन मामूली सुधरा और वोट शेयर 19.67 प्रतिशत हो गया।
कांग्रेस को 2024 में मिले अधिक वोट
मोदी लहर में बिखरी कांग्रेस को बीते तीन चुनावों की तुलना में सबसे अधिक वोट वर्ष 2024 में मिले ही मिले और वह 21.4 प्रतिशत पर पहुंच गई। यदि कांग्रेस गठबंधन की बात करें तो समग्रता में उसका वोट शेयर वर्ष 2014 में 23 प्रतिशत पर सिमट गया था, जो कि तीन चुनावों में बढ़कर वर्ष 2024 में 41.33 प्रतिशत हो गया। यह वही मोदी शासनकाल है, जिसमें वोट चोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं।
इसी तरह वोट अधिकार यात्रा में राहुल का साथ दे रहे तेजस्वी की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के भी आंकड़े हैं। राजद का वोट प्रतिशत 2010 के विधानसभा चुनाव में 18.84 प्रतिशत था, जो कि 2015 में 18.35 प्रतिशत रहा। वहीं, बीते विधानसभा चुनाव में कथित वोट चोरी के बावजूद उसके वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई और आंकड़ा 23.11 प्रतिशत पर पहुंच गया।
सपा की भी बढ़ी सीटें
बिहार के चुनावों में कांग्रेस के वोट शेयर भी 8.37 से 6.66 प्रतिशत होते हुए 2020 में 9.48 प्रतिशत पर पहुंच गया। ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश में सपा का भी सर्वकालिक बेहतर प्रदर्शन भाजपा शासनकाल में ही रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उसकी सीटें बीते चुनाव की तुलना में पांच से बढ़कर 37 हो गईं।
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