'मोदी को मिले बुलावा इसलिए ट्रंप के शपथ समारोह गए थे जयशंकर', राहुल गांधी के बयान पर संसद में हंगामा
Rahul Gandhi attack Pm Modi राहुल ने दावा किया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिका का आमंत्रण सुनिश्चित करने के लिए ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भेजा गया था। राहुल के बयान पर लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल से सबूत देने की बात कही।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी और जयशंकर पर निशाना साधा। राहुल ने दावा किया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिका का आमंत्रण सुनिश्चित करने के लिए ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भेजा गया था।
राहुल के बयान पर सरकार का एतराज
- राहुल के बयान पर लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। सदन में बैठे प्रधानमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में भाजपा सांसदों ने राहुल की टिप्पणी पर कड़ा एतराज जताया और कहा कि राहुल देश की विदेश नीति से जुड़े ऐसे निराधार बयान नहीं दे सकते।
- राहुल के इस बयान पर भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई। किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी कोई ठोस सबूत पेश करें।
- राहुल ने आगे कहा हम अपने विदेश मंत्री को तीन बार अमेरिका भेज चुके हैं ताकि प्रधानमंत्री को न्यौता मिले।
महाराष्ट्र के चुनाव पर फिर उठाए सवाल
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले 70 लाख वोटर्स जुड़ गए। महाराष्ट्र के शिरडी की 1 बिल्डिंग में 7000 लोगों के नाम जोड़े गए। वोटरों की लिस्ट में कुछ तो समस्या है। महराष्ट्र में 5 महीनों में लाखों वोटर जुड़ गए।
राहुल बोले- बेरोजगारी न यूपीए मिटा पाई न एनडीए
इसके बाद राहुल ने कहा कि देश बेरोजगारी की समस्या से निपटने में विफल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने भारत के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब दिया है।
गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के बावजूद भारत के मैन्यूफैक्चरिंग का हिस्सा 2014 में 15.3 प्रतिशत से गिरकर आज 12.6 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा हूं। यह कहना उचित नहीं होगा कि उन्होंने प्रयास नहीं किया। मेक इन इंडिया एक अच्छा विचार था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी विफल रहे।
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