राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट से अलग-अलग की मुलाकात! कांग्रेस का दावा सही या अभी भी 'अनसुलझे' हैं मुद्दे
सूत्रों ने यह भी बताया कि खरगे और राहुल गांधी अशोक गहलोत और सचिन पायलट से अलग-अलग मिले। पहले दो घंटे गहलोत के साथ मुलाकात हुई फिर पायलट के साथ बैठक हुई। इसके बाद सभी नेता खरगे के आवास पर पहुंचे जहां की तस्वीरें साझा की गई हैं।
नई दिल्ली, पीटीआई। कांग्रेस नेतृत्व का दावा है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सुलह हो गई है। दोनों नेताओं ने पार्टी के 'प्रस्ताव' पर सहमति जताते हुए आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने की बात कही है। लेकिन, सचिन पायलट के करीबी सूत्रों की मानें तो खरगे और राहुल गांधी के साथ सोमवार की बैठक के बाद भी गहलोत और पायलट के बीच 'मूल मुद्दों' का कोई समाधान नहीं हुआ।
गहलोत और पायलट से अलग-अलग हुई चर्चा
सूत्रों ने यह भी बताया कि खरगे और राहुल गांधी अशोक गहलोत और सचिन पायलट से अलग-अलग मिले। पहले दो घंटे गहलोत के साथ मुलाकात हुई, फिर पायलट के साथ बैठक हुई। इसके बाद सभी नेता खरगे के आवास पर पहुंचे, जहां की तस्वीरें साझा की गई हैं। दिलचस्प बात यह है कि बैठक एक ही जगह होने के बावजूद, नेतृत्व ने गहलोत और पायलट के साथ अलग-अलग चर्चा की।
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया से नहीं की बात
बैठक के बाद सोमवार की रात खरगे के 10 राजाजी मार्ग आवास के बाहर मीडिया बाइट के लिए दोनों नेता पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बाहर आए, लेकिन इस दौरान दोनों नेताओं ने मीडिया से बात नहीं की। दोनों की बॉडी लैंग्वेज भी किसी तरह का मेल नहीं दिखा रही थी।
अभी भी पूरी नहीं हुई पायलट की मांगें: सूत्र
बता दें कि पायलट के राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने के 'अल्टीमेटम' के बाद ये बैठक की गई है। सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने जो मांगें उठाई हैं, खासकर पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में, वह अभी पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि पायलट अपनी मांगों पर अडिग हैं और बैठक के बाद अगर गहलोत सरकार ने उन पर कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने जो कारण उठाए हैं, उसके लिए दबाव बनाना जारी रखेंगे।
पायलट की दो अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन और उसमें नई नियुक्तियां करना, और पेपर लीक के बाद सरकारी भर्ती परीक्षा रद होने से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा शामिल है।
गहलोत के बयान से बढ़ी तल्खी
इस बीच गहलोत ने कहा कि पार्टी आलाकमान मजबूत है। पार्टी किसी भी नेता या कार्यकर्ता को शांत करने के लिए कभी भी किसी पद की पेशकश नहीं करेगी। इस बयान को लेकर भी तल्खी बढ़ गई। गहलोत की टिप्पणी पर पायलट के करीबी नेताओं ने कहा कि आंदोलन व्यक्तिगत पदों की तलाश के बारे में नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक का मुद्दे पर है, जो कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस प्राथमिकता पर हल करने की जरूरत है।