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    'मैं अपनी आंखों से त्रासदी देखकर आया हूं' राहुल गांधी ने भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दर्द संसद में किया बयां

    Updated: Wed, 07 Aug 2024 01:48 PM (IST)

    Wayanad Landslide केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान आज लगातार नौवें दिन भी जारी है। वायनाड के चूरलमाला और मुंदक्कई में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस त्रासदी को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में जानकारी दी है। वहीं उन्होंने सरकार से राहत पैकेज की मांग भी की।

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    वायनाड में हुए भूस्खलन को लेकर राहुल गांधी ने लोकसभा में जानकारी दी।(फोटो सोर्स: एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के वायनाड जिले (landslide hit wayanad) में भारी बारिश से हुए भूस्खलन में को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में जानकारी दी। राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने वायनाड का दौरा किया था और पीड़ितों से मुलाकात की थी।  

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    लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "मैंने कुछ दिन पहले अपनी बहन के साथ वायनाड का दौरा किया था और मैंने अपनी आंखों से देखा कि इस त्रासदी से कितना दर्द और तकलीफ हुई। 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और बड़ी संख्या में लोग लापता हैं।

    व्यापक पुनर्वास पैकेज का समर्थन करे सरकार: राहुल गांधी

    राहुल गांधी ने आगे कहा,"मैं केंद्र और राज्य सरकार, NDRF, SDRF, सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, अग्निशमन विभाग और अन्य के काम की सराहना करना चाहूंगा और पड़ोसी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना से मिली सहायता की भी सराहना करना चाहूंगा। यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है। मैं केंद्र सरकार से वायनाड के लिए एक व्यापक पुनर्वास पैकेज का समर्थन करने का आग्रह करूंगा, जिसमें आपदा-रोधी बुनियादी ढांचा बनाना और समुदायों की मदद करना शामिल है। मैं सरकार से वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का भी आग्रह करना चाहूंगा। "

    आपदा की वजह से अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत

    बता दें कि केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान आज लगातार नौवें दिन भी जारी है।

    रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कोच्चि ने बताया, वायनाड भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में भारतीय वायुसेना, भारतीय वायु सेना और राज्य प्रशासन द्वारा संयुक्त बचाव अभियान जारी है। सेना के साथ मिलकर सैनिकों की एक विशेष टीम को भारतीय वायुसेना द्वारा कलपेट्टा से चलियार नदी तक पहुंचाया गया है।

    वायनाड के चूरलमाला और मुंदक्कई में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान चली गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में संपत्ति को भी नुकसान हुआ।

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