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    वोट चोरी पर राहुल गांधी और चुनाव आयोग आमने-सामने, नेता विपक्ष ने वोटर लिस्ट में हेरफेर का लगाया आरोप

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:48 PM (IST)

    राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की अलंद सीट पर एक केंद्रीयकृत सॉफ्टवेयर प्रणाली का उपयोग करके मतदाताओं के नाम काटे और जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर वोट चोरों को बचाने का आरोप लगाया और अलंद मामले से जुड़ी जानकारी CID को देने की मांग की। राहुल ने कहा कि अलंद में 6018 वोट सुनियोजित रणनीति के तहत हटाए गए।

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    राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगा रहे राहुल गांधी ने गुरुवार को कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट को लेकर जुटाए अपने सुबूतों के आधार पर दावा किया कि काल सेंटर जैसी एक केंद्रीयकृत साफ्टवेयर प्रणाली का उपयोग कर मतदाताओं के नाम कहीं काटे तो कहीं जोड़े जा रहे हैं। उनके अनुसार, लाखों मतदाताओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाकर कोई जानबूझकर विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची से नाम हटा रहा है।

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    अलंद मामले की जांच के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के चुनाव आयोग के रुख पर सवाल उठाते हुए नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 'वोट चोरों' को न केवल संरक्षण दे रहे हैं, बल्कि लोकतंत्र की हत्या करने वालों को बचा रहे हैं। राहुल ने एक हफ्ते में अलंद मामले से जुड़ा आइपी एड्रेस, डिवाइस पो‌र्ट्स तथा ओटीपी ट्रेल का ब्योरा सीआइडी को देने की मांग करते हुए कहा कि यदि आयोग ऐसा नहीं करता तो माना जाएगा कि ज्ञानेश कुमार वोट चोरों का बचाव कर संविधान की हत्या कर रहे हैं।

    अब कुछ जानकारियां चुनाव आयोग के अंदर से मिल रहीं- राहुल गांधी

    राहुल ने कहा कि पहले इस मामले में जानकारियां नहीं मिलती थीं, लेकिन अब कुछ जानकारियां चुनाव आयोग के अंदर से और कुछ जानकारियां सरकार के अंदर से मिल रही हैं। कांग्रेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन में प्रेसवार्ता करते हुए राहुल ने साफ किया कि अलंद मामला प्रस्तावित ''हाइड्रोजन बम'' रहस्योद्घाटन का हिस्सा नहीं है जिसे वह जल्द ही सामने लाएंगे।

    दस्तावेजों के साथ अलंद में काटे गए कुछ वोटरों को प्रेसवार्ता के मंच पर सामने लाते हुए राहुल ने कहा कि 10 में से आठ बूथों पर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती थी। इसलिए लक्षित कर यहां से 6,018 वोटरों के नाम हटाए गए जो परंपरागत रूप से कांग्रेस के समर्थक रहे हैं और यह महज संयोग नहीं, सुनियोजित रणनीति थी।

    अलंद में 6,018 वोट इसी तरह हटाए गए- राहुल गांधी

    उदाहरण देते हुए राहुल ने बताया कि एक महिला मतदाता गोदाबाई के नाम से 12 वोट हटाए गए। एक अन्य मतदाता सूर्यकांत के नाम से 14 मिनट के भीतर 12 नाम हटाए गए। इसी तरह मतदाता नागराज के 36 सेकंड के भीतर दो वोट हटा दिए गए, वह भी सुबह 4.07 बजे। इसी पैटर्न से महाराष्ट्र के राजुरा में 6,850 वोट जोड़े गए थे।

    नेता विपक्ष ने कहा कि अलंद में वोट चोरी का पता संयोग से तब चला जब एक बीएलओ ने देखा कि उसके चाचा का नाम उनके एक पड़ोसी ने हटवाया है। पड़ोसी से पूछताछ की तो उसने साफ इन्कार किया। फिर मामले की जांच में पता चला कि रहस्यमय तरीके से हटाया गया यह अकेला वोट नहीं था, बल्कि पूरे अलंद में 6,018 वोट इसी तरह हटाए गए थे।

    विस्तृत जांच से मालूम हुआ कि साफ्टवेयर के जरिये राज्य के बाहर के मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर केंद्रीकृत तरीके से यह काम किया गया। उन्होंने इनमें से कुछ मोबाइल नंबरों को भी दिखाया। राहुल ने कहा कि 18 महीने में कर्नाटक सीआइडी ने चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजकर ओटीपी और टर्मिनलों के आइपी एड्रेस की जानकारी साझा करने का आग्रह किया है।

    कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी कई बार पत्र भेजा, मगर अभी तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के चुनाव आयोग के रुख से साफ है कि वह ऐसे लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा है। प्रेसवार्ता में एक बार भी सरकार या भाजपा का नाम नहीं लेते हुए राहुल ने कहा, ''मैं ज्ञानेश कुमार के बारे में एक गंभीर दावा करने जा रहा हूं और हल्के में नहीं कह रहा, बल्कि शत प्रतिशत सुबूत होने के आधार पर कह रहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त वोट चोरों और लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचा रहे हैं।'' विपक्ष का नेता होने की अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वह ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे जो 100 प्रतिशत प्रमाणों पर आधारित न हो।

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