पुणे लैंड डील विवाद पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, पोते का नाम आने पर बोले- 'जनता को बताओ सच'
पुणे में जमीन सौदे के आरोपों पर शरद पवार ने जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मामले की सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर सरकारी जमीन सस्ते में खरीदने के आरोप हैं। शरद पवार ने परिवार में एकता की बात कही और विपक्ष ने इस मामले में सवाल उठाए हैं। अजित पवार ने सफाई दी है कि पार्थ को जमीन की जानकारी नहीं थी।

पुणे लैंड डील विवाद पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे में जमीन सौदे के आरोपों पर मचा राजनीतिक तूफान के दो दिन बाद एनसीपी (शरदचंद्र पवार गुट) प्रमुखशरद पवार ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और उसके नतीजे जनता के सामने रखे जाने चाहिए।
शरद पवार ने कहा, "मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि मामला गंभीर है, इसलिए उन्हें जांच कराकर पूरी सच्चाई लोगों को बतानी चाहिए।" बता दें, यह विवाद तब बढ़ा जब अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर पुणे में सरकारी जमीन सस्ते में खरीदने के आरोप लगे।
300 करोड़ रुपये में खरीदी 43 एकड़ जमीन
बताया गया कि 43 एकड़ की जमीन जिसकी कीमत 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, उसे 300 करोड़ रुपये में खरीदा गया। यह जमीन 'वतनश्रेणी' की थी, जिसे बिना सरकारी अनुमति के बेचा नहीं जा सकता। इसके अलावा, सौदे के दो दिन बाद स्टांप ड्यूटी माफ करने का आदेश भी जारी हुआ और कंपनी ने सिर्फ 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी भरी।
शरद पवार ने कहा कि उनके परिवार के विचार अलग-अलग है लेकिन परिवार एकजुट है। उन्होंने याद दिलाया कि उनके पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था और अजित पवार की पत्नी ने सुप्रिया सुले के खिलाफ, लेकिन यह सब राजनीतिक स्तर पर था, व्यक्तिगत रिश्तों पर असर नहीं पड़ा।
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस जमीन सौदे में दो केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन पार्थ पवार का नाम इनमें नहीं है। इस पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अंबादास दानवे, कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और हर्षवर्धन सापकाल ने पूछा कि पार्थ का नाम क्यों छोड़ा गया।
इधर, शरद पवार के दूसरे पोते रोहित पवार जो अक्सर सरकार पर हमला करते रहे हैं, वो इस मामले पर अभी तक चुप हैं। इस पर मंत्री शिरसाट ने सोशल मीडिया पर तंज कसा, "हमारा प्यारा तोता चुप क्यों है?" कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले को 'जमीन चोरी' और 'वोट चोरी' से जोड़ा है।
अजित पवार की सफाई
अजित पवार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सफाई दी कि पार्थ को पता नहीं था कि यह जमीन सरकारी है। उन्होंने कहा", यह सरकारी जमीन है जिसे बेचा नहीं जा सकता। पार्थ और उनके पार्टनर दिग्विजय पाटिल को इस बात की जानकारी नहीं थी। जांच में सबकुछ साफ हो जाएगा कि रजिस्ट्रेशन कैसे हुआ और किसकी गलती थी।"
अजित पवार ने कहा कि न तो उन्होंने न उनके दफ्तर ने किसी को फोन किया या कोई मदद दी। उन्होंने दावा किया कि कोई भुगतान नहीं हुआ और जमीन का कब्जा भी नहीं लिया गया, इसलिए सौदा अधूरा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।