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    पुणे जमीन सौदा में फंसी पार्थ पवार से जुड़ी कंपनी Amadea Enterprises, अब भरनी होगी 21 करोड़ की स्टांप ड्यूटी

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 03:56 PM (IST)

    पुणे में अमादेया एंटरप्राइजेज LLP को 21 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी भरने का नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस उप-पंजीयक एपी फुलवारे ने भेजा है। कंपनी में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी पार्टनर हैं। कंपनी ने डेटा सेंटर प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदी थी, जो अब रद्द हो गया है। इसलिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट भी रद्द हो गई है, और अब कंपनी को यह राशि भरनी होगी।

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    पुणे जमीन सौदे पर फंसी पार्थ पवार से जुड़ी फर्म Amadea Enterprises (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे के हावेली IV के उप-पंजीयक (क्लास II) एपी फुलवारे ने शुक्रवार को अमादेया एंटरप्राइजेज LLP को नोटिस भेजा है। इसमें फर्म के पार्टनर दिग्विजय पाटिल से कहा गया है कि वे 21 करोड़ रुपये की पूरी स्टांप ड्यूटी और लागू जुर्माना भरें। इसके बाद ही कंपनी अपनी कैंसिलेशन डीड दोबारा जमा कर सकेगी।

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    अमादेया एंटरप्राइजेज में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी पार्टनर हैं। कंपनी ने यह कैंसिलेशन डीड इसलिए दी क्योंकि वह जिस डेटा सेंटर प्रोजेक्ट के लिए यह जमीन खरीद रही थी, वह प्रोजेक्ट अब रद कर दिया गया है।

    क्या है मामला?

    20 मई 2025 को 40 एकड़ जमीन बिक्री का समझौता शीतल तेजवाणी (जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी धारक) और दिग्विजय पाटिल के बीच हुआ था। इस डील की कीमत 300 करोड़ रुपये थी और इसे हावेली IV सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज किया गया था।

    कंपनी ने उस समय सरकार की 1 फरवरी 2024 की अधीसूचना के तहत स्टांप ड्यूटी में छूट ली थी, जो डेटा सेंटर और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को राहत देती है। लेकिन अब जब कंपनी ने खुद ही वह प्रोजेक्ट रद कर दिया है तो वह छूट लागू नहीं रह जाती।

    कितनी देनी होगी स्टांप ड्यूटी?

    राज्य के पंजीकरण विभाग (IGR) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जब वह उद्देश्य ही रद हो जाता है जिसके लिए छूट दी गई थी तो पूरी ड्यूटी और पेनल्टी देनी होती है।" सरकारी पत्र में कहा गया है कि कंपनी को 7% स्टांप ड्यूटी दोनी होगी, जिसमें 5% मूल ड्यूटी, 1% लोकल इंस्टिट्यूशन टैक्स और 1% मेट्रो टैक्स शामिल है। यह राशि 300 करोड़ रुपये पर करीब 21 करोड़ रुपये होती है।

    अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी ने शुक्रवार को जो कैंसिलेशन डीड जमा की थी उस पर केवल 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी दी गई थी। इसे सही तरह से स्टांप नहीं किया गया दस्तावेज माना गया। अब फर्म को सभी कमियां दूर कर पूरा शुल्क और पेनल्टी भरकर दस्तावेज फिर से जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

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