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    'जकूजी पर ध्यान, झुग्गियों में फोटो सेशन', पीएम मोदी बोले- 'इन्हें गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी'; 10 बड़ी बातें

    Updated: Tue, 04 Feb 2025 07:18 PM (IST)

    पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस हर घर जल पर है और कुछ लोगों का फोकस जकूजी और शावर पर है। उन्होंने बिना नाम लिए आम आदमी पार्टी और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग विदेश नीति पर जरूर बोलते हैं।

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    विपक्ष पर पीएम मोदी ने बोला जमकर हमला (फोटो: @BJP4India)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

    पीएम मोदी ने कहा कि 'हम कैसे काम करते हैं, ये ​हरियाणा में देश ने देखा है। बिना खर्ची-बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था, सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई। हम जो कहते हैं, उसी का परिणाम है कि हरियाणा में हमें भव्य विजय मिली।'

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    पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें:

    • हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास ​दिया है। गरीब का दुख, सामान्य मानवी की तकलीफ, मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं, इसके लिए जज्बा चाहिए। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोगों में ये है ही नहीं।
    • फूस की और प्लास्टिक की कच्ची छत के नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल होता है। कुछ ऐसे पल भी होते हैं, जब सपने रौंद दिए जाते हैं और ये हर कोई नहीं समझ सकता है। अब तक गरीबों को 4 करोड़ पक्के घर मिले हैं। जिसने उस जिंदगी को जिया है, उसे समझ होती है कि पक्की छत वाला घर क्या होता है। जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी। मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं।
    • हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए। हमारा फोकस हर घर जल पर है, कुछ लोगों का फोकस जकूजी और शावर पर है।
    • पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले... 10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है।
    • 2014 के पहले, ऐसे बम गोले फेंके गए, बंदूक की ऐसी गोलियां चलाई गईं, जिनसे देशवासियों का जीवन छलनी हो गया था। हम धीरे-धीरे उन घावों को भरते हुए आगे बढ़े। 2013-14 में सिर्फ 2 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होता था, जबकि आज 12 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
    • हम लगातार युवा भविष्य को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ दल हैं, जो युवाओं को धोखा दे रहे हैं। ये दल, चुनाव के दौरान वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते हैं। ये दल, युवाओं के भविष्य पर आप-दा बनकर गिरे हुए हैं।
    • 2014 में जब हम आए, तब मान्य विपक्ष नहीं था। उतने अंक लेकर भी कोई नहीं आया था। भारत के अनेक कानून ऐसे थे कि हमें पूरी स्वतंत्रता थी उस कानून के हिसाब से काम करने की। अनेक कमेटियां भी ऐसी थीं, जिसमें लिखा था नेता विपक्ष उसमें आएंगे, लेकिन मान्य विपक्ष कोई था ही नहीं। ये हमारा संविधान जीने का स्वभाव था, हमने तय किया कि भले मान्य विपक्ष नहीं होगा, लेकिन जो सबसे बड़े दल का नेता है, उसे मीटिंग्स में बुलाएंगे।
    • जब सत्ता सेवा बन जाए, तो राष्ट्र निर्माण होता है। जब सत्ता को विरासत बना दिया जाए, तो लोकतंत्र खत्म हो जाता है। हम संविधान की भावना को लेकर चलते हैं, हम जहर की राजनीति नहीं करते हैं। हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं और इसलिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाते हैं। जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
    • सात दशक तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को संविधान के अधिकारों को अलग रखा गया। ये संविधान के साथ भी अन्याय था और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के साथ भी अन्याय था। हमने अनुच्छेद 370 की दीवार गिरा दी। अब जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को देशवासियों को जो अधिकार हैं, वो अधिकर उन्हें मिल रहे हैं। हम संविधान के महात्म्य को जानते हैं। संविधान की भावना को जीते हैं, इसलिए ऐसे मजबूत निर्णय भी हम करते हैं।
    • राष्ट्रपति जी के भाषण की चर्चा के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई। कुछ लोगों को लगता है कि जब तक विदेश नीति पर नहीं बोलते, तब तक वो मैच्योर नहीं लगते। उनको लगता है फॉरेन पॉलिसी तो बोलना चाहिए, भले ही देश का नुकसान हो जाए।

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