फडणवीस से मिल रहे उद्धव गुट के नेता, शरद पवार कर रहे शिंदे की तारीफ; क्या महाराष्ट्र में पक रही नई सियासी खिचड़ी?
महाराष्ट्र की सियासत में नई खिचड़ी पकने लगी है। सियासी दलों में मुलाकात और तारीफ का दौर जारी है। निकाय चुनाव से पहले सभी सियासी दल अपने सहयोगियों के सामने शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हैं। सीएम देवेंद्र फडणवीस से उद्धव ठाकरे समेत पार्टी के कई नेताओं ने मुलाकात की तो दूसरी तरफ शरद पवार ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की जमकर तारीफ की।
पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में नई खिचड़ी पकने लगी है। शरद पवार ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की तारीफ की तो शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इन घटनाक्रम के बाद से महाराष्ट्र की सियासत में चर्चाओं का नया दौर शुरू हो गया है। महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के सहयोगियों के बीच बेचैनी भी बढ़ने लगी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने प्रचंड जीत हासिल की थी। प्रदेश की कुल 288 सीटों में से 230 पर महायुति के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब दोनों गठबंधनों के बीच बड़ा मुकाबला मुंबई, पुणे और ठाणे नगर निकाय चुनाव में देखने को मिलेगा। मगर उससे पहले ही दोनों गठबंधन के दल अपने सहयोगियों के सामने शक्ति प्रदर्शन में जुटे हैं।
फडणवीस से मिले उद्धव और आदित्य
पिछले ढाई महीने में शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेताओं ने सीएम फडणवीस से तीन बार मुलाकात की। आदित्य ठाकरे ने सीएम से दो बार और उनके पिता उद्धव ठाकरे ने एक बार मुलाकात की है। इसके अलावा अन्य वरिष्ठ शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने भी फडणवीस से मुलाकात की है। उद्धव ठाकरे के इस बदले रुख की चर्चा है, क्योंकि इससे पहले उनकी पार्टी के नेता खुलकर फडणवीस की आलोचना करते थे। शिवसेना (यूबीटी) फडणवीस पर पार्टी को तोड़ने का आरोप भी लगाती रही है।
मनसे और भाजपा में गठबंधन की चर्चा
देवेंद्र फडणवीस ने इसी महीने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे से भी मुलाकात की। इसके बाद से ही भाजपा और मनसे के बीच गठबंधन की चर्चा है।
शक्ति प्रदर्शन में जुटे सियासी दल
राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दोनों ही गठबंधन पानी की गहराई नापने में जुटे हैं। इस घटनाक्रम को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ बड़ा होने की उम्मीद नहीं है। देशपांडे का कहना कि इसके माध्यम से अपने सहयोगियों को यह बताने की कोशिश है कि सभी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं।
महायुति में अनबन के संकेत
विपक्ष सत्तारूढ़ महायुति में फडणवीस और शिवसेना प्रमुख शिंदे के बीच अनबन का दावा करता है। भाजपा और शिवसेना के अलावा अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी महायुति का हिस्सा है। महायुति में हाल ही में संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति के दौरान अनबन खुलकर सामने आई।
भाजपा के गिरीश महाजन और राकांपा नेता अदिति तटकरे को नासिक और रायगढ़ जिलों का संरक्षक मंत्री बनाया गया। मगर शिवसेना के मंत्री दादाजी भुसे और भरत गोगावाले को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद शिंदे की पार्टी ने नाराजगी जताई। बाद में संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति को वापस ले लिया गया।
क्या शरद पवार से खफा है शिवसेना यूबीटी?
महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल है। मगर यहां भी सहयोगियों के बीच मतभेद हैं। हाल ही में शिवेसना (यूबीटी) के कई नेताओं ने शिंदे की पार्टी का दामन थामा। इस बीच शरद पवार ने नई दिल्ली में एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया।
इस पर उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। संजय राउत ने शरद पवार पर निशाना साधा। वहीं शिवसेना (यूबीटी) ने इसे 'गद्दार' को सम्मानित करने जैसा बताया।
आदित्य ठाकरे ने नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। मगर वे शरद पवार से नहीं मिले।
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