'कांग्रेस को मजबूरन बोलना पड़ रहा है जय भीम', पीएम मोदी की विपक्ष को खरी-खरी
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के शासन मॉडल को झूठ फरेब परिवारवाद भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण का घालमेल बताया। उन्होंने जनसभाओं प्रेस वार्ताओं से लेकर संसद के भीतर बार-बार संविधान लहराने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। पीएम ने जय भीम को कांग्रेस की मजबूरी बताया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर बाबा साहब अंबेडकर का बार-बार अपमान करने का हवाला देते हुए कहा कि उसे मजबूरी में जय भीम बोलना पड़ रहा है।
आजादी के बाद लंबे कालखंड तक भारत की धीमी विकास दर के लिए गांधी परिवार की नीतियों की जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इसे हिंदू विकास दर कहकर एक परिवार की गलती के लिए पूरे हिंदू समाज को बदनाम किया गया।
कांग्रेस पर साधा निशाना
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के शासन मॉडल को झूठ, फरेब, परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण का घालमेल बताया। उनके लिए पिछले 10 सालों में कांग्रेस के इस विफल शासन मॉडल के बाहर निकालकर तेजी से विकास के मॉडल को स्थापित करने का काम किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार अंबेडकर के साथ कांग्रेस को कितनी नफरत थी, कितना गुस्सा था इसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। अंबेडकर को चुनाव में दो-दो बार हराने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी थी और उन्हें कभी भी भारत रत्न के लायक नहीं समझा गया।
जय भीम को बताया मजबूरी
- उन्होंने कहा कि आज मजबूरी में भले ही कांग्रेस जय भीम बोल रही है, लेकिन इसमें भी उसका गला सूख रहा है। ध्यान देने की बात है कि पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस 'जय बापू, जय भीम. जय संविधान' की थीम पर रैलियां कर रही है, जिसे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे संबोधित कर रहे हैं।
- कांग्रेस की रैलियों में पहली बार जय भीम के थीम को लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के इस तेजी से रंग बदलने पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में किस तरह से उनकी सरकार ने अंबेडकर की सोच के अनुरूप दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के कल्याण के लिए काम किया है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का नाम लिए बगैर उनके पिता को कार खरीदने का लाइसेंस मिलने में 15 साल लगने का हवाला देते हुए कहा कि गांधी परिवार की लाइसेंस-परमिट राज की नीति और कुप्रबंधन ने देश की विकास की गति को रोकने का काम किया।
- उन्होंने परोक्ष रूप से कांग्रेस के एक पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम का हवाला देते हुए कहा कि बिना रिश्वत के लाइसेंस-परमिट मिलना मुश्किल था। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज ये लोग बड़े-बड़े भाषण झाड़ रहे हैं, लेकिन देश को पता होना चाहिए कि जब वे सत्ता में थे तब क्या किया था।
- उनके अनुसार शाही परिवार और उनसे जुड़े कुछ लोगों के नकारापन व आर्थिक कुप्रबंधन के कारण हुए कम विकास दर को हिंदू विकास दर कहकर पूरे हिंदू समाज को बदनाम करने का काम किया गया। आज वही भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
राहुल गांधी पर भी बोला हमला
जनसभाओं, प्रेस वार्ताओं से लेकर संसद के भीतर बार-बार संविधान लहराने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। उनके अनुसार शाही परिवार ने सालों साल संविधान को जेब में रखने का काम किया. लेकिन कभी भी उसका सम्मान नहीं किया।
इस सिलसिले में उन्होंने संविधान के लागू होने के बाद चुनाव के पहले ही उसमें संशोधन कर बोलने की आजादी पर पाबंदी लगाने से लेकर मजदूरों की हड़ताल में कविता पढ़ने पर गीतकार मजरूह सुलतानपुरी और एक जुलुस में शामिल होने पर अभिनेता बलराज साहनी को जेल में डालने, लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को वीर सावरकर पर कविता के कारण आकाशवाणी से निकालने, इमरजेंसी का समर्थन नहीं करने पर देवानंद की फिल्मों के दूरदर्शन में दिखाने पर रोक लगाने और कांग्रेस के लिए गाना नहीं गाने पर किशोर कुमार के गानों पर आकाशवाणी पर प्रतिबंध लगाने का हवाला दिया।
विपक्ष पर जहर घोलने का आरोप
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सत्तासुख और शाही परिवार के अहंकार के लिए पूरे देश को जेलखाना बना दिया, उनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं पर जातिवाद का जहर घोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि सचमुच में इन दलों ने एससी, एसटी और ओबीसी के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया।
उनके अनुसार तीन दशक तक सभी ओबीसी सांसद ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते रहे, लेकिन उनकी सरकार इसे पूरा करने के साथ ही ओबीसी को सम्मान देने का काम किया। उन्होंने दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, गरीबों, मध्यमवर्ग, महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों से समेत समाज के समाज के सभी वर्गों के कल्याण व विकास के लिए शुरू की गई योजनाओं को गिनाया।
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