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पीएम मोदी की दो टूक- व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत, देंगे माकूल जवाब, सेना ने भी मोर्चेबंदी बढ़ाई

चीनी सेना के साथ झड़प में भारत के 20 जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जवानों का बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Thu, 18 Jun 2020 07:34 AM (IST)
पीएम मोदी की दो टूक- व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत, देंगे माकूल जवाब, सेना ने भी मोर्चेबंदी बढ़ाई
पीएम मोदी की दो टूक- व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत, देंगे माकूल जवाब, सेना ने भी मोर्चेबंदी बढ़ाई

संजय मिश्र, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी आर्मी के साथ खूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की गंभीर घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश को भरोसा देते हुए चीन को आगाह किया कि चाहे कोई भी हालात हो भारत अपनी हर इंच जमीन की रक्षा करेगा। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में माकूल जवाब देने में सक्षम है। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। 

— ANI (@ANI) June 17, 2020

संप्रभुता से समझौता नहीं 

कोरोना महामारी पर मुख्यमंत्रियों की बैठक शुरू करने से पहले पीएम मोदी ने गलवन घाटी में भारत-चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प की चर्चा करते हुए चीन को कड़ा का संदेश दिया। भारत सांस्कृतिक रुप से एक शांति प्रिय देश है और हमारा इतिहास शांति का रहा है। सबके सुख-समृद्धि की कामना ही भारत का वैचारिक मंत्र रहा है। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है और अपने पड़ोसियों के साथ तरीके से मिलकर काम किया है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद में न बदलें।

उकसाने पर देंगे माकूल जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर यथोचित जवाब देने में भी सक्षम है। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं है, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता से समझौता भी नहीं करते हैं। हर मौके पर हमने अपनी अखंडता और संप्रभुता के लिए अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है। हमने हमेशा वक्‍त पड़ने पर अपनी क्षमताओं को साबित किया है। त्याग हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा है। साथ ही वीरता भी हमारे चरित्र का हिस्सा है। मैं देश को यकीन दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत माता के वीर सपूतों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे लड़ते-लड़ते मातृभूमि के लिए शहीद हुए हैं।

हर एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं शहीदों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करता हूं और उनके परिजनों को भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ है। भारत अपने स्वाभिमान और हर एक इंच जमीन की रक्षा करेगा। इस संक्षिप्‍त संबोधन के बाद पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लद्दाख बॉर्डर पर शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन रखकर वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को इस मसले पर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। 

भारत ने सैन्य और सामरिक मोर्चेबंदी बढ़ाई

गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की चालबाजी को देखते हुए भारत ने भी चीन से लगी सभी सीमाओं पर अपनी सामरिक और रणनीतिक मोर्चेबंदी मजबूत करने की गति तेज कर दी है। इस लिहाज से लद्दाख समेत तमाम अग्रिम मोर्चे पर फौज की तैनाती पर्याप्त संख्या में सुनिश्चित करने के लिए इन इलाकों में सैनिकों को भेजा जा रहा है। कई सैन्य कमांड में बटालियनों को त्वरित संदेश मिलते ही तैनाती के लिए जाने को तैयार रहने को कहा गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सामरिक चौकसी के मकसद के लिए किए जा रहे इन प्रयासों के तहत सेना के अलावा वायुसेना और नौसेना के कमानों को भी सतर्क कर दिया गया है।

दिन भर चला रणनीतिक बैठकों का दौर

सरकार और सेना के शीर्ष नेतृत्व के बीच चीन के साथ मौजूदा घटना के मद्देनजर बुधवार को भी आगे की रणनीतिक चुनौतियों पर मंत्रणाओं का दौर जारी रहा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ बैठक की। इसमें लद्दाख में तनाव घटाने के लिए भारत-चीन के सैन्य अफसरों की बातचीत के अलावा अग्रिम मोर्चे पर सामरिक मोर्चेबंदी मजबूत करने जैसे मसलों की समीक्षा की गई। वहीं सेना अपने स्तर पर भी चीनी सैनिकों के साथ तनाव घटाने के लिए एलएएसी के मोर्चे पर सक्रिय रही।

रक्षा मंत्री ने पीएम को दी हालात की जानकारी

बुधवार शाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी से मिलकर भारतीय सेना की तैयारियों और लद्दाख के हालात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना करने के लिए सेना के पास पर्याप्त सुविधा व हथियार हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर भारतीय सैनिकों की शहादत पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि देश उनकी वीरता व बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।

बेनतीजा रही सैन्य स्तर की बातचीत

हालात सामान्य करने के लिए बुधवार को दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर हुई बातचीत बेनतीजा रही। बातचीत हिंसक झड़प का केंद्र रहे पैट्रोलिंग पॉइंट-14 पर हुई। बातचीत में भारतीय सेना की ओर से डिवीजन-3 के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने नेतृत्व किया। चीन की सेना ने गलवन घाटी में लगाए अस्थायी तंबुओं को अभी हटाने से इन्कार कर दिया है। बैठक में भारत ने अपने 20 शहीद जवानों का मुद्दा उठाया। इस पर चीन की ओर से भी अपने हताहत सैनिकों का मसला उठाया गया। 

सेना ने किया स्‍पष्‍ट, चीन को पीछे हटना ही होगा 

सूत्रों ने बताया कि सैन्य स्तर पर हुई बातचीत के दौरान बेहद तनाव का माहौल दिखा। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि गलवन घाटी से चीनी सेना के पीछे जाने के अतिरिक्त कोई विकल्प स्वीकार्य नहीं है। सूत्रों ने आगे बातचीत जारी रहने की बात कही है। फिलहाल सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने भले नहीं हैं, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है। वहां चार-पांच किलोमीटर के दायरे में करीब हजार चीनी सैनिक तैनात हैं। भारतीय सेना भी लगभग इतनी ही संख्या में उन्हें जवाब देने के लिए खड़ी है।

वार्ता के नियम की समीक्षा करेगा भारत 

सूत्रों के अनुसार गलवन घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने जिस तरह आपसी बातचीत में लौटने पर सहमति बनने के बाद इससे पलटते हुए भारतीय सैनिकों पर ईट-पत्थरों और नुकीले रॉड से जिस तरह हमला किया उसके बाद भारत-चीन के बीच वार्ता के बने नियम की समीक्षा की जरूरत है। इसके तहत एलएसी पर दोनों देशों के सैन्य अफसरों के साथ बनी सहमति का पालन दोनों पक्ष करते रहे हैं लेकिन गलवन में सोमवार की रात चीन ने इस नियम को तोड़ा है। भारत के इस नियम की समीक्षा की बात सोचना जाहिर तौर पर चीन को लेकर सामरिक और कूटनीतिक रणनीति में बदलाव पर नए सिरे से मंथन का संकेत है।

चीनी धौंसगिरी को मिलेगा माकूल जवाब

लद्दाख सीमा के कई क्षेत्रों में एलएसी पर मई महीने की शुरूआत से जारी चीनी अतिक्रमण की बड़ी वजह सीमा क्षेत्रों में भारत के बड़े पैमाने पर सड़क और आधारभूत ढांचों का निर्माण है। इन निर्माणों को रोकने की चीन की बौखलाहट का माकूल जवाब देने के लिए सरकार ने अब इन इलाकों में बीआरओ के साथ बड़ी संख्या में मजदूरों को भेजकर निर्माण कार्य को गति देने का फैसला किया है। समझा जाता है कि गृह मंत्रालय ने बीआरओ और आइटीबी के अधिकारियों के साथ बुधवार को इस सिलसिले में बैठक की।

गृहमंत्री बोले, दर्द बयां नहीं किया जा सकता

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे बहादुर जवानों को खोने का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। देश अमर वीर जवानों को नमन करता है जिन्होंने भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी वीरता भारत के प्रति उनकी सर्वोच्‍च प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बता दें कि सोमवार रात को लद्दाख में गलवन घाटी अत‍िक्रमण को हटाने गए भारतीय जवानों के साथ चीनी सैनिकों की झड़प हुई थी जिसमें देश के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी सेना के कई जवान हताहत हुए थे।  

वीरों के साहस पर गर्व : रक्षा मंत्री 

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी शहादत दी। देश अपने सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। हमें भारत के वीरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है। शहीदों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।  

देशभर में आक्रोश

चीन की इस कायराना हरकत को लेकर देशभर में आक्रोश है। दिल्ली, अहमदाबाद, कश्मीर, वाराणसी में चीन के खिलाफ प्रदर्शन किए गए हैं। दिल्ली में चीनी दूतावास के बाहर स्वदेशी जागरण मंच के सदस्यों और कुछ पूर्व सैनिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने चीन के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग की। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लेकर बाद में रिहा कर दिया। 

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