सेना ने कहा, व्यर्थ नहीं जाएगा बहादुर जवानों का बलिदान, संप्रभुता की रक्षा के लिए तत्पर
गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की शर्मनाक करतूत में 20 जवानों की शहादत पर भारतीय सेना ने कहा है कि बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की शर्मनाक करतूत में 20 जवानों की शहादत पर भारतीय सेना ने बड़ा बयान दिया है। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सेना देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपने संकल्प पर मजबूती से खड़ी है। सेना ने आगे कहा है कि सेना प्रमुख एमएम नरवाने समेत पूरी सेना अपने बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। हम शहीद जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि मैं देश को यकीन दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। हर मौके पर हमने अपनी अखंडता और संप्रभुता के लिए अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है। चीन को कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं लेकिन उकसाने पर माकूल जवाब देने में सक्षम हैं। इस बारे में किसी को भी जरा भी भम्र या संदेह नहीं होना चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत दु:खद है। भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी शहादत दी। देश अपने सैनिकों की बहादुरी और उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि गलवन में जो हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध कार्रवाई थी। चीन इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।
उल्लेखनीय है कि गलवन घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। बीते पांच दशक से भी ज्यादा समय में दोनों देशों के बीच यह सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। इसके दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मसले पर चर्चा करने के लिए 19 जून को सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है जो 19 जून को अपराह्न पांच बजे होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे।