Modi Xi Jinping Meet: पर्सनल केमिस्ट्री से पहले भी बात संभाल चुके हैं मोदी और चिनफिंग
पिछले साढ़े पांच वर्षों में अगर भारत और चीन के रिश्तों में एक चीज जो लगातार बनी हुई है वह है पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच होने वा ...और पढ़ें
मामल्लापुरम, जयप्रकाश रंजन। पिछले साढ़े पांच वर्षों में अगर भारत और चीन के रिश्तों में एक चीज जो लगातार बनी हुई है, वह है पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच होने वाली मुलाकात। दोनों के बीच इस दौरान तकरीबन दो दर्जन बार मुलाकातें हो चुकी हैं। पिछले तीन महीने के भीतर ही मोदी-चिनफिंग की यह दूसरी द्विपक्षीय मुलाकात है। संभवत: इस साल के अंत से पहले एक द्विपक्षीय बैठक और होगी। लिहाजा इनके बीच एक ऐसी पर्सनल केमिस्ट्री बन चुकी है जो शायद अभी दुनिया के किसी औऱ देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच देखने को नहीं है। यही वजह है कि कई जानकार यह मान रहे हैं कि इस बार भी दोनों नेता अपनी केमिस्ट्री व सूझ-बूझ से रिश्तों की गाड़ी को फिर से पटरी पर ले आएंगे। ऐसा वे वर्ष 2017 में भी कर चुके हैं, जब डोकलाम की वजह से भारत व चीन की सेनाएं एक दूसरे के सामने तैनात हो गई थीं।
वैश्रि्वक कूटनीति में ऐसा कम देखने को मिला
दोनों देशों के अधिकारी मानते हैं कि मोदी और चिनफिंग के लगातार सत्ता में बने रहने की वजह से रिश्तों में आने वाली बाधाओं को दूर करने में ज्यादा सहूलियत हुई है। डोकलाम विवाद के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच दो बार मुलाकातें हुए और अंतत: शियांग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इनके बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता से ही समाधान निकल सका। वैश्रि्वक कूटनीति में ऐसा कम देखने को मिला है कि दो देशों के बीच जितनी भिन्नता बढ़ी है उनके शिखर नेताओं ने उसे दूर करने की उतनी ही कोशिश की है। डोकलाम के अलावा पाकिस्तान समर्थित आतंकी मसूद अजहर पर यूएन का प्रतिबंध लगाने में सहयोग करना दूसरा बड़ा उदाहरण है।
चिनफिंग 100 अधिकारियों के दल के साथ पहुंच चुके चेन्नई
इस बेहद प्राचीन शहर में मोदी और चिनिफंग की मुलाकात से पहले दोनो देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच जबरदस्त कूटनीतिक गतिविधियां जारी है। चीन सरकार से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति चिनफिंग ने अपने कार्यकाल में जिन देशों के साथ रिश्तों को सबसे ज्यादा अहमियत दी है उसमें भारत का नाम सबसे उपर आता है। पांच वषरें में भारत की तीन बार यात्रा करके उन्होंने यह साबित किया है। इस बार भी जब रिश्ते को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं तो चिनफिंग 100 अधिकारियों के दल के साथ चेन्नई पहुंच चुके हैं। उसी तरह से मोदी ने भी वर्ष 2014 में पीएम पद संभालने के बाद से चिनफिंग के साथ रिश्तों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया है। शुक्त्रवार को मामल्लापुरम में भी जिस तरह से पीएम ने चिनफिंग के लिए छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा, वह उनके बीच खास रिश्तों को बताता है। मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को स्वयं ही नारियल पानी पेश किया। ऐतिहासिक स्थलों की छोटी छोटी जानकारी और चीन से जु़डे उसके प्रकरण के बारे में बताते रहे, किसी प्रोफेशनल गाइड की मदद नहीं ली गई।

एक-दूसरे के साथ छह घंटे तक रहेंगे
भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी सारे इंतजामों को अंतिम रूप देने के बाद अब दोनों नेताओं और अधिकारियों के बीच शनिवार को होने वाली बातचीत को आकार देने में लगे हैं। शुक्रवार से शनिवार दोपहर तक दोनों नेता एक दूसरे के साथ छह घंटे तक रहेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, यह अनौपचारिक वार्ता है लेकिन इस तरह से पूरा रोडमैप तैयार किया गया है कि दोनों नेता हल्के-फुल्के बातों के साथ द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े गंभीर मुद्दों पर भी सहजता से बात कर सकें। दोनो नेताओं की तरफ से जो भी मुद्दा उचित समझा जाएगा, उसे उठाया जाएगा और उस पर बात जारी रखी जाएगी।

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