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    वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाएं भारत के उत्पाद, राष्ट्र के नाम संबोधन में PM मोदी ने दिया 'स्वदेशी' का मंत्र

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है ताकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं से मुकाबला किया जा सके। उन्होंने आत्मनिर्भरता और समृद्धि का मंत्र देते हुए दुकानों को स्वदेशी वस्तुओं से सजाने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब नागरिक गर्व से भारतीय वस्तुओं का उपयोग करेंगे।

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    राष्ट्र के नाम संबोधन में PM मोदी ने दिया 'स्वदेशी' का मंत्र

    अरविंद शर्मा, जागरण। जीएसटी सुधारों का नया युग शुरू होने की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने का आहृवान कर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से मुकाबला करने के इरादों का संकेत दे दिया। आत्मनिर्भरता और समृद्धि का मंत्र देते हुए हर दुकान को स्वदेशी वस्तुओं से सजाने की अपील कर पीएम ने परोक्ष मगर दृढ़ता से टैरिफ वार जैसे आर्थिक-कारोबारी चुनौतियों के दौर से निपटने का विकल्प बताया।

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    स्वदेशी के रास्ते देश को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर ले जाने के लिए प्रेरित करने के मकसद से ही पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब नागरिक गर्व से कहें कि वे भारतीय वस्तुओं का उपयोग और बिक्री करते हैं।

    भारत में बने उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाएं- पीएम मोदी

    राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बने उत्पाद केवल घरेलू जरूरतें पूरी करने तक सीमित न रहें, बल्कि गुणवत्ता और उत्कृष्टता के आधार पर वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोजमर्रा की जिंदगी में विदेशी वस्तुएं इतनी अधिक घुल चुकी हैं कि कई बार यह तक समझना मुश्किल हो जाता है कि जो चीज हम खरीद रहे हैं वह देसी है या विदेशी। उदाहरण देते हुए कहा कि कंघी तक के मामले में यह भ्रम रहता है। इस मानसिकता से बाहर निकलकर ही स्वदेशी का असली भाव आत्मसात किया जा सकता है।

    महात्मा गांधी ने भी चरखे और खादी को स्वदेशी का प्रतीक बनाया- पीएम मोदी

    स्वदेशी आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में जब यह आंदोलन शुरू हुआ, तो विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर देशवासियों ने आत्मनिर्भरता का मार्ग अपनाया। यही आंदोलन आगे चलकर स्वतंत्रता संग्राम की शक्ति बना। महात्मा गांधी ने भी चरखे और खादी को स्वदेशी का प्रतीक बनाकर जन-जन को आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित किया।

    जीएसटी की नई दरें छोटे और कुटीर उद्योगों के लिए बड़ा अवसर- पीएम मोदी

    मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भी वही भावना जरूरी है। यह सिर्फ सरकार का अभियान नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हम वही सामान खरीदें जो भारत में निर्मित हो और जिसमें हमारे नौजवानों का पसीना शामिल हो। तभी भारत आत्मनिर्भर और विकसित बन सकेगा। पीएम ने भारतीय अर्थव्यवस्था के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाई। जीएसटी की नई दरों को उन्होंने छोटे और कुटीर उद्योगों के लिए बड़ा अवसर बताया।

    मोदी ने कहा कि दरों में कटौती से न केवल कारोबार को राहत मिलेगी बल्कि बिक्री भी बढ़ेगी और कर का बोझ भी घटेगा। इससे छोटे उद्योग भारत की विकास यात्रा में अधिक सक्रिय और मजबूत भूमिका निभाएंगे।

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