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    लोकसभा में संविधान पर बहस का जवाब देंगे पीएम मोदी, विपक्ष ने की थी चर्चा की मांग

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Mon, 09 Dec 2024 07:28 PM (IST)

    Debate on Constitution विपक्ष के साथ हुए समझौते के अनुसार केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में संविधान पर बहस करेगी। जानकारी के अनुसार पीएम मोदी इस बहस पर लोकसभा में जवाब देंगे। वहीं राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह बहस की शुरुआत करेंगे। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है।

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    पीएम मोदी लोकसभा में संविधान पर बहस का जवाब देंगे। (File Image)

    पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस का जवाब दे सकते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने संसद के सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है।

    एजेंसी के अमुसार संसद के शीतकालीन सत्र के लिए विपक्षी गठबंधन की प्रमुख मांगों में से एक संविधान पर बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किए जाने की संभावना है। गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में बहस की शुरुआत कर सकते हैं और मोदी इसका जवाब देंगे।

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    20 दिसंबर को समाप्त होगा सत्र

    विपक्ष के साथ हुए समझौते के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 13-14 दिसंबर को लोकसभा में और 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर बहस के लिए सहमति जताई थी। बता दें कि संसद का यह सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने वाला है। सत्र अब तक सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की वजह से चर्चा में रहा है।

    दोनों पक्ष एक-दूसरे पर मतदाताओं का ध्यान भटकाने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और व्यवसायी जॉर्ज सोरोस के बीच संबंधों का दावा करने के लिए भाजपा की आलोचना की है। वहीं किसानों के विरोध जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार को विपक्ष ने घेरने का प्रयास किया है।

    भारत-चीन संबंधों पर संसद में चर्चा की मांग

    इसके अलावा कांग्रेस ने भारत-चीन संबंधों पर संसद में दिए गए बयान को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि मोदी सरकार अप्रैल 2020 से पहले के रुख की जगह नए नजरिये पर सहमत हो गई है, जिसे चीन ने एकतरफा तरीके से बिगाड़ दिया था।

    कांग्रेस ने यह भी मांग की कि संसद को दोनों देशों के बीच संबंधों के पूरे पहलू पर बहस करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत-चीन संबंधों पर संसद में चर्चा रणनीतिक और आर्थिक नीति दोनों पर केंद्रित होनी चाहिए। खासकर इसलिए क्योंकि चीन पर हमारी निर्भरता आर्थिक रूप से बढ़ गई है। 

    चीन ने सीमा की यथास्थिति को बदला: कांग्रेस

    उन्होंने कहा कि चीन ने चार साल पहले हमारी सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदल दिया था। जयराम ने कहा कि कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा संसद के दोनों सदनों में चीन को लेकर हाल ही में दिए गए बयान का अध्ययन किया है।

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