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    One Nation-One Election: एक राष्ट्र, एक चुनाव पर सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, संसद के इसी सत्र में बिल पेश होने की संभावना

    Updated: Mon, 09 Dec 2024 07:51 PM (IST)

    One Nation One Election शीतकालीन सत्र के दौरान ही केंद्र सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक संसद में पेश कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे दी है। सरकार अब विधेयक पर आम सहमति बनाना चाहती है।

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    एक राष्ट्र, एक चुनाव पर सरकार उठा सकती है बड़ा कदम (फोटो- जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। One Nation-One Election: शीतकालीन सत्र के दौरान ही केंद्र सरकार 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक संसद में पेश कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे दी है। सूत्रों का कहना है कि सरकार अब विधेयक पर आम सहमति बनाना चाहती है।

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    इसी सत्र में विधेयक पेश करने की तैयारी में सरकार

    एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार अब विधेयक पर आम सहमति बनाना चाहती है। इसी के साथ व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है।

    बता दें कि जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। इस प्रक्रिया में अन्य हितधारकों को भी शामिल किए जाने की तैयारी है। इसके लिए देश भर के तमाम बुद्धिजीवियों के साथ- साथ सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों को बुलाया जा सकता है। इसके लिए आम लोगों की राय भी ली जानी है।

    आसान नहीं वन नेशन वन इलेक्शन की राह

    केंद्र सरकार शुरू से ही एक राष्ट्र के पक्ष में रही है। हालांकि, मौजूदा व्यवस्था को बदलना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। इसके लिए आम सहमति बेहद आवश्यक है। देश में एक राष्ट्र एक चुनाव को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए करीब 6 विधेयक लाने होंगे। इन सभी को संसद में पारित कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी।

    चूंकि मौजूदा स्थिति में दोनों सदनों में एनडीए के पास साधारण बहुमत है। इस कारण लोकसभा या राज्यसभा किसी में भी सरकार के लिए दो-तिहाई बहुमत प्राप्त करना एक कठिन काम हो सकता है। मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य सभा में एनडीए के पास 112 और विपक्षी दलों के पास 85 सीटें हैं, जबकि दो तिहाई बहुमत के लिए 164 वोटों की आवश्यकता होती है।

    वहीं, लोकसभा में एनडीए के पास 292 सीटें हैं। जबकि लोकसभा में दो तिहाई बहुमत के लिए आंकड़ा 364 का है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि लोकसभा में बहुमत की गणना केवल उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के आधार पर की जाएगी।

    एक देश एक चुनाव के पक्ष में सरकार

    केंद्र की एनडीए सरकार शुरू से ही एक देश एक चुनाव के पक्ष में रही है। सरकार ने हमेशा तर्क दिया है कि चुनाव कराने की वर्तमान प्रणाली समय, धन और प्रयास की बर्बादी है। फिर चुनाव से पहले घोषित आदर्श आचार संहिता का सवाल है, जो विकास कार्यों पर ब्रेक लगाती है।

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