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    राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही कांग्रेस, सपा समेत इन दलों का मिला साथ

    Updated: Mon, 09 Dec 2024 09:17 PM (IST)

    Jagdeep Dhankhar इंडी गठबंधन में शामिल दलों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली अपनाने का आरोप लगाया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। कई अन्य विपक्षी दलों का भी कांग्रेस को साथ मिला है। कांग्रेस संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत प्रस्ताव पेश करेगी।

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    राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़। ( फोटो- एएनआई )

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापित जगदीप धनखड़ पर गंभीर पक्षपात का आरोप लगाते रहे विपक्षी दलों ने अब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। आईएनडीआईए संवैधानिक आसन पर बैठकर पक्षपात करने और विपक्षी पार्टियों को सदन में मुद्दे नहीं उठाने देने से लेकर बोलने से रोकने की लगातार कोशिशों का आरोप लगाते हुए मंगलवार को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राज्यसभा सचिवालय को सौंपने की तैयारी में है।

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    टीएमसी और सपा का मिला साथ

    विपक्षी खेमे की ओर से दावा किया गया है कि अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 70 सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनमें आईएनडीआईए की तमाम पार्टियां शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस से दूर-दूर चल रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला किया है। इन दोनों पार्टियों के राज्यसभा सदस्यों ने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।

    विपक्षी सांसदों ने लगाया ये आरोप

    विपक्ष ने अचानक अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही के संचालन में धनखड़ के कथित पक्षपाती व्यवहार से क्षुब्ध होकर की। कांग्रेस और तृणमूल के दो राज्यसभा सदस्यों ने कहा कि धनखड़ सदन को सत्तापक्ष का औजार बना रहे हैं और विपक्षी सांसदों को मुद्दे उठाने देना तो दूर उनकी बातों को भी रिकॉर्ड से बाहर कर दे रहे हैं। तृणमूल सांसद ने कहा कि आसन का पक्षपाती व्यवहार अस्वीकार्य इसलिए है कि इसमें संसदीय नियम-परंपराएं तथा मर्यादा ही नहीं टूट रही, बल्कि लोकतंत्र पर आघात किया जा रहा है।

    पक्षपाती रवैया लोकतंत्र के खिलाफ: दिग्विजय सिंह

    कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि विपक्ष सदन चलाने की मांग कर रहा था, मगर सभापति धनखड़ सत्ता पक्ष को सदन में गतिरोध पैदा करने का मौका दे रहे थे। आसन का यह पक्षपाती रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो धनखड़ पर सदन के भीतर ही पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कर लोकतंत्र की हत्या नहीं की जानी चाहिए।

    विपक्ष ने जुटा लिया जरूरी आकंड़ा

    विपक्षी सूत्रों ने बताया कि सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंगलवार को संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत दिए जाने की तैयारी है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम-से-कम सदन के 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है और विपक्ष ने यह आंकड़ा जुटा लिया है। हालांकि, कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद ने दावा किया कि कोई एक सदस्य भी सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है और न्यूनतम आंकड़ों की कोई बाध्यता नहीं है।

    प्रस्ताव का पारित होना असंभव

    वैसे विपक्ष ने बीते मानसून सत्र के दौरान भी धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी करते हुए अपने इरादे जाहिर किए थे मगर फिर अपने कदम वापस खींच लिए थे। राज्यसभा में विपक्ष इस बार अविश्वास प्रस्ताव लाता भी है तो सदन के गणित के हिसाब से सत्ता पक्ष के पास बहुमत का नंबर है और इसका पारित होना असंभव है।

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