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    नानाजी देशमुख और जयप्रकाश नारायण की जयंती, पीएम मोदी ने खास वीडियो शेयर कर दी श्रद्धांजलि

    By Ayushi TyagiEdited By:
    Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:09 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के नेता नानाजी देशमुख और भारतीय स्वतंत्रता सैनानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर वीडियो शेयर कर श्रद्धांजलि दी।

    नानाजी देशमुख और जयप्रकाश नारायण की जयंती, पीएम मोदी ने खास वीडियो शेयर कर दी श्रद्धांजलि

     नई दिल्ली, जागरण डेस्क। समाजसेवी और भारत रत्न भारतीय जनसंघ के नेता नानाजी देशमुख की आज (शुक्रवार) 103वीं जयंती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए एक वीडियो शेयर किया है। बता दें कि आज ही भारतीय स्वतंत्रता सैनानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भी जयंती है।

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    वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि राष्ट्रसेवक नानाजी देशमुख और महान सामाजिक कार्यकर्ता को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। पीएम नेआगे लिखा की उन्होंने   गांवों और किसानों के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा। 

     वहीं, भारतीय स्वतंत्रता सैनानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण को भी पीएम मोदी ने याद किया। पीएम मोदी ने उन्हें भी श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो शेयर किया है।  श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने लिखा कि स्वतंत्रता संघर्ष में अपना बहुमूल्य योगदान तो दिया ही है। देश की आजादी के बाद भी उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा में भी अतुलनीय भूमिका निभाई। बता दें कि जयप्रकाश नारायण ने तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए  आपातकाल के खिलाफ जनआंदोलन चलाया था। 

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी  नानाजी देशमुख को याद करते हुए उन्होंने ट्वीटकर लिखा की स्वतंत्र भारत में ग्राम स्वराज और ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाले तथा समाज को नई दिशा देने वाले राष्ट्रसेवक, नानाजी देशमुख की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने लिखा की आज भी उनके विचारों की प्रासंगिरता बनी हुई है।

    नानाजी देशमुख का जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के कंडोली गांव में 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था। 1977 में जब पहली बार जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई थी। तब तत्कालिन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल नानाजी देशमुख को जगह दी गई थी। हालांकि, उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद पूर्व  प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्हें राज्यसभा का सदस्य नामित किया था। इस दौरान उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य एंव ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अपने योगदान देने के लिए  पद्य विभूषण से सम्मानित किया गया।