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    क्या नोटों की गड्डी मिलने पर अभिषेक मनु सिंघवी पर होगी कार्रवाई? जानिए संसद में नोट ले जाने को लेकर क्या हैं नियम

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 04:53 PM (IST)

    Parliament Session राज्यसभा में नोटों की गड्डी मिलने के मामले में आज खूब हंगामा हुआ। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि गुरुवार को जब सदन की कार्यवाही खत्म हुई तब नियमित सुरक्षा जांच के बाद सीट नंबर 222 के नीचे नोटों की गड्डी मिली। ये सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की है। क्या सिंघवी पर कार्रवाई होगी और इस पर नियम क्या है आईए जानते हैं।

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    Parliament Session अभिषेक मनु सिंघवी कैश कांड में घिरे। (फोटो- जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में आज नोटों की गड्डी मिलने के मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। सभापति जगदीप धनखड़ ने खुद इस मामले को सभी सांसदों के सामने लाया और कहा कि गुरुवार को सदन के अंदर नोटों की गड्डी मिली है। उन्होंने कहा कि ये नोट सीट नंबर 222 पर मिले, जो कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को मिली हुई है।

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    सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि गुरुवार को जब सदन की कार्यवाही खत्म हुई तब नियमित सुरक्षा जांच के बाद सीट नंबर 222 के नीचे नोटों की गड्डी मिली। ये सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की है। उन्होंने कहा कि ये मामला गंभीर है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि मामले की गहन जांच हो।

    सिंघवी ने दी ये सफाई

    • कांग्रेस सांसद अभिषेक सिंघवी ने कहा कि ये सब एक मजाक की तरह है। मैं जब भी संसद जाता हूं तो केवल 500 रुपये का नोट साथ लेकर जाता हूं।
    • उन्होंने कहा कि गुरुवार को मैं दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर संसद आया था। इसके बाद 1 बजे कैंटीन चला गया और 1.30 बजे तक वहीं रहा। इसके बाद मैं घर वापस चला गया। 
    • कांग्रेस नेता ने कहा कि सिर्फ 3 मिनट मैं संसद में रहा और ये बिना बात के आरोप लगाए जा रहे हैं। सांसद ने कहा कि ये सब राजनीति हो रही है और वो खुद चाहते हैं कि इसकी गहन जांच की जाए और इसकी पूरी सच्चाई सामने आए।

    कांग्रेस ने क्या कहा?

    कांग्रेस ने नोट कांड पर जेपीसी गठित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये सारा मामला अदाणी मामले से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस के चीफ व्हिप जयराम रमेश ने इस मामले में सभापति से मुलाकात की है। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति धनखड़ को जवाब देते हुए कहा कि अगर मामले की जांच चल रही थी तो सभापति को सांसद का नाम नहीं लेना चाहिए था।

    पहले भी संसद में हुआ कैश कांड

    • 22 जुलाई 2008 को मनमोहन सरकार के विश्वासमत हासिल करने के दौरान करोड़ों रुपये के नोट लहराए गए थे। 
    • भाजपा के तीन सांसदों अशोक अर्गल, महावीर भागौरा और फग्गन सिंह कुलस्ते ने नोट उछाल कर आरोप लगाया था कि अमर सिंह और अहमद पटेल ने उन्हें विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट के लिए पैसे की पेशकश की थी।

    कैश फॉर क्वेरी मामला 

    • 2023 में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे।
    • आरोप था कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर सदन में सवाल पूछे। 
    • मामले में स्पीकर ने जांच पैनल गठित की और महुआ पर एफआईआर दर्ज हुई। 
    • इसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंचा और 8 दिसंबर को महुआ की सांसदी चली गई।

    संसद में नोट ले जाने के क्या है नियम?

    दरअसल, संसद में नोट लेकर जाने पर कोई नियम नहीं है। कौन कितने रुपये संसद में लेकर जा सकता है, इस पर भी कोई सीमा नहीं रखी गई है। कई सांसद डिजिटल पेमेंट करते हैं, तो कुछ केवल नकदी का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वो संसद के अंदर भी पैसे लेकर जाते हैं। कई सांसद संसद में बैंक की ब्रांच से पैसे निकालकर सदन में भी ले जाते हैं।

    क्या सिंघवी मामले में जांच और कार्रवाई होगी?

    सिंघवी मामले में जांच दिल्ली पुलिस करेगी या कोई और एजेंसी, ये सभापति जगदीप धनखड़ पर निर्भर करता है। इस बात की जांच की जाएगी कि क्या ये पैसे सिंघवी के थे, या किसी और ने इसे रखा है। 


    यह भी पढ़ें- राज्यसभा में कांग्रेस सांसद की सीट पर मिली नोटों की गड्डी, सभापति धनखड़ बोले- 'ये बहुत गंभीर, हम जांच करेंगे'

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