Parliament: 'मजरूह सुल्तानपुरी को भूल गए क्या...', संसद में कांग्रेस पर जमकर बरसीं सीतारमण; याद दिलाया 'किस्सा कुर्सी का'
Nirmala Sitharaman attack Congress संविधान के अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होने पर भाषण देते हुए आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने विपक्ष को जेल में डालकर संविधान से छेड़छाड़ की वो आज संविधान की बात कर रहे हैं। सीतारमण ने आगे मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी का नाम लेकर कांग्रेस पर तीखे वार किए।

एजेंसी, नई दिल्ली। Nirmala Sitharaman attack Congress लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में संविधान पर चर्चा हो रही है। संविधान के अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होने पर भाषण देते हुए आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने विपक्ष को जेल में डालकर संविधान से छेड़छाड़ की, वो आज संविधान की बात कर रहे हैं।
मजरूह सुल्तानपुरी के साथ हुई थी ज्यादती
सीतारमण ने आगे कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष ही नहीं, कवियों तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल में डाल दिया गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी, जो जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी और इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल में डाल दिया गया।
#WATCH | Constitution Debate | In Rajya Sabha, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, "...Majrooh Sultanpuri and Balraj Sahni were both jailed in 1949. During one of the meetings organized for the mill workers in 1949, Majrooh Sultanpuri recited a poem that was written… pic.twitter.com/jwqZaAJwl5
— ANI (@ANI) December 16, 2024
संविधान के खिलाफ चलने का कांग्रेस का रिकॉर्ड
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस का ये पुराना रिकॉर्ड है कि उसने संविधान के खिलाफ ही चला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई बार अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने का काम किया है।
सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस का ये रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं है। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई एक राजनीतिक जीवनी "नेहरू" पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कांग्रेस ने 'किस्सा कुर्सी का' नामक फिल्म पर भी सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाया गया था।
हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा
सीतारमण ने आगे कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे और उन्होंने अपना संविधान लिख लिया था, लेकिन कई लोगों ने अपने संविधान को बदल दिया है, न केवल उनमें संशोधन किया है बल्कि वस्तुतः उनके संविधान की संपूर्ण विशेषता को बदल दिया है। इस सबके बावजूद हमारा संविधान निश्चित रूप से समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसमें कई संशोधन हुए हैं।
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