मुगलसराय में रेल की पटरियों पर संदिग्ध हाल में मिला था पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद के प्रणेता थे जिनका चंदौली जिले के मुगलसराय से गहरा नाता था। उनका शव पीडीडीयू नगर जंक्शन पर मिला था जिसकी पहचान गुरुबख्श कपाही ने की थी। उनकी स्मृति में पड़ाव में संग्रहालय बना है और मुगलसराय जंक्शन का नाम भी उनके नाम पर रखा गया।

जागरण संवाददाता, चंदौली। पंडित दीनदयाल उपाध्याय, एकात्म मानववाद के प्रणेता, का मुगलसराय से गहरा संबंध था। वे अक्सर पीडीडीयू नगर के रेलवे मार्ग से गुजरते थे और स्थानीय लोगों से मिलते थे। उनका शव पीडीडीयू नगर जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर संदिग्ध हाल में मिला था।
नगर निवासी गुरुबख्श कपाही ने उनकी पहचान की थी और उन्हें देखकर फफक पड़े थे। उन्होंने कहा, "अरे, ये तो अपने दीनदयाल हैं।" दीनदयाल की स्मृति में पड़ाव में एक संग्रहालय स्थापित किया गया है और मुगलसराय जंक्शन का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को हुआ था। वे पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा के दौरान स्थानीय जंक्शन पर रुकते थे और वहां के लोगों से संवाद करते थे। उनके साथी गुरुबख्श कपाही ने बताया कि दीनदयाल जी हमेशा गरीबों के उत्थान के लिए चिंतित रहते थे। उन्होंने अंत्योदय के सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास किए।
चूंकि उनका जीवन गरीबी में बीता, इसलिए वे गरीबों की पीड़ा को भलीभांति समझते थे। 11 फरवरी 1968 को उनका पार्थिव शरीर स्थानीय जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर मिला था। उस समय उनकी पहचान करने वाला कोई नहीं था, केवल गुरुबख्श कपाही ने ही उनके शव की पहचान की। तब से, इस जंक्शन को उनका अंतिम पड़ाव माना जाता है। रेलवे ने उस स्थान को संरक्षित किया है जहां उनका शव मिला था।
भारतीय जनसंघ के पहले महामंत्री रहे दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु का मामला प्रारंभ में दबा रहा। लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उनकी स्मृतियों को संरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। एकात्म मानववाद के प्रणेता की मृत्यु के मामले की जांच के लिए जीआरपी कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। उनके अंतिम पड़ाव को मानते हुए एक भव्य संग्रहालय और 63 फीट ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित की गई है। संग्रहालय की इंटरप्रिटेशन वाल पर उनके विचारों और जीवन चरित्र को दर्शाया गया है, ताकि लोग उनके विचारों से अवगत हो सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संग्रहालय का उद्घाटन किया था।
वहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पीडीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या-2 के पास उनकी पुण्यस्थली पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद सभी स्वयंसेवक परमार कटरा स्थित दीनदयाल जी की प्रतिमा पर पहुंचे और वहाँ भी पुष्पांजलि अर्पित की। उपस्थित लोगों ने दीनदयाल जी के आदर्शों और मूल्यों पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सुरेश कपाही, संतोष जी, सौरभ चंद्रा, विमल, निखिल, ऋषि, शशि, प्रीतम आदि उपस्थित रहे।
पंडित दीनदयाल जी का जीवन राष्ट्रसेवा व समर्पण का प्रतीक-रमेश जायसवाल
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर नगर के परमार कटरा स्थित उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धाजंलि अर्पित किया। इस अवसर पर गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए सदर विधायक रमेश जायसवाल ने कहा- पंडित जी का जीवन राष्ट्रसेवा और समर्पण का विराट प्रतीक है,जब भी मानवता कल्याण की बात होगी तब तब पंडित जी के एकात्म मानववाद दर्शन का सिद्धांत सम्पूर्ण मानवजाति को सदैव ध्रुव तारे की तरह मार्गदर्शित करेगा।
भाजपा मंडल अध्यक्ष कुन्दन सिंह ने कहा-पंडित जी ने कहा था कि भोजन से लेकर विचारों तक की आत्मनिर्भरता ही राष्ट्र को विश्व मे स्थान दिला सकती है। इस अवसर पर राणा प्रताप सिंह, सुनील श्रीवास्तव, अनिल गुप्ता, सतीश चौहान, आशीष गुप्ता, गीता रानी गुप्ता, प्रियंका तिवारी, मीडिया प्रभारी पंकज शर्मा, अमित चौहान, जयकिशन, राजीव, कमलाकर दूबे, राहुल जायसवाल, विभूति जायसवाल, मनोज जायसवाल, राजेश चौहान, रमेश चौहान, राजीव सेठ, सुरेंद्र चौहान, राहुल वर्मा, भरत चौहान, सौरभ चंद्रा, अजय गुप्ता, धीरज चौहान, विजय मिश्रा, गुरदीप सिंह व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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