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    'नारद मुनि की तरह राजनीति कर रही सरकार', पीएम मोदी ने शशि थरूर को दी बड़ी जिम्मेदारी; भड़की कांग्रेस

    Updated: Sat, 17 May 2025 04:14 PM (IST)

    भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकियों को मार गिराया गया जिसके बाद भारत पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने की योजना बना रहा है। मोदी सरकार ने विपक्ष के सांसदों को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अलग-अलग देशों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करें। कांग्रेस ने सरकार पर फैसले में राजनीति करने का आरोप लगाया है और शशि थरूर के नाम पर सवाल उठाए हैं।

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    ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए थरूर को चुने जाने पर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना।

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर में कई बड़े आतंकियों का खात्मा हो गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने 100 अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया। अब इसके बाद भारत पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने की योजना बना रहा है।

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    दरअसल, मोदी सरकार ने एक रणनीति बनाते हुए एक बड़ी जिम्मेदारी एनडीए के साथ विपक्षी सांसदों को सौंपी है। ये सभी सांसद अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करेंगे। हालांकि, सरकार के इस फैसले पर अब राजनीति तेज हो गई है।

    कांग्रेस ने सरकार पर लगाए खेल करने के आरोप

    मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर खेल खेलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने ये आरोप ऐसे समय पर लगाया है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता के भारत के संदेश को पहुंचाने के लिए प्रमुख साझेदार देशों में जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में शशि थरूर को नामित किया गया। बता दें कि कांग्रेस ने शशि थरूर का नाम कांग्रेस द्वारा नामित चार नेताओं में शामिल नहीं था।

    थरूर पर ही कांग्रेस ने साधा निशाना

    शनिवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शशि थरूर पर ही निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद से भी संपर्क किया था और उन्होंने उनसे कहा कि पार्टी को फैसला करना है।

    कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने उससे पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा था और उसने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को नामित किया। जानकारी दें कि इस लिस्ट में शशि थरूर का नाम नहीं था, बावजूद इसके सरकार ने शशि थरूर का नाम सुझाया है।

    सांसदों को लेनी चाहिए पार्टी की सहमति

    आज मीडिया ब्रीफिंग के दौरान के दौरान कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पार्टी से सलाह किए बिना सांसदों के नाम (प्रतिनिधिमंडल में) शामिल नहीं कर सकते। रमेश ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी व्यक्तिगत सांसदों को आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में भेजा जाता है, तो सांसदों को पार्टी से अनुमित जरूर लेनी चाहिए।

    जयराम रमेश ने सरकार पर नारद मुनि की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से नाम पूछना बेईमानी और सरासर शरारतपूर्ण है, जबकि पूरी संभावना है कि उन्होंने उससे पहले ही नाम तय कर लिए थे। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिनिधिमंडल की पूरी कवायद ध्यान भटकाने वाली और दिखावटी कवायद है। उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस सरकार को भेजे गए चार नामों पर पुनर्विचार नहीं करेगी।

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