दिल्ली चुनाव के बाद अचानक अमित शाह से क्यों मिले उमर अब्दुल्ला? विपक्षी गठबंधन पर उठा चुके सवाल
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच पूर्ण राज्य का दर्जा और सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। मुलाकात के बाद विपक्षी गठबंधन की एकजुटता के सवाल को उमर अब्दुल्ला टाल गए। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद उमर अब्दुल्ला ने गठबंधन पर सवाल उठाए थे।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में एकता के सवाल को टाल गए। दो दिन पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की भाजपा के हाथों करारी हार के बाद अब्दुल्ला ने 'और लड़ो आपस में' टिप्णणी कर कटाक्ष किया था।
अमित शाह से की मुलाकात
उमर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद विपक्षी गठबंधन में सब कुछ ठीक न होने का संकेत दिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के अलग-अलग चुनाव लड़ने को 27 साल बाद भाजपा की जीत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर एक मीम भी पोस्ट किया था, जिसमें 'जी भरकर लड़ो, समाप्त कर दो एक-दूसरे को' लिखा था।
बैठक के बाद जवाब देंगे
इस पोस्ट के संदर्भ में विपक्षी एकता के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आईएनडीआईए की बैठक होने के बाद ही इसका जवाब देंगे। ध्यान देने की बात है कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के खिलाफ बनाए गए आईएनडीआईए गठबंधन की उसके बाद कोई बैठक नहीं हुई है।
इन मुद्दों पर शाह से हुई बातचीत
कांग्रेस का कहना है कि विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है और राज्यों के विधानसभा चुनावों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, अमित शाह से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गृह मंत्री से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के हालात, विकास योजनाओं की प्रगति के साथ ही तीन मार्च से राज्य विधानसभा के शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
पूर्ण राज्य के दर्जे पर हुई चर्चा
इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा की बात कही। लेकिन, उन्होंने पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली के बारे में गृह मंत्री के आश्वासन के बारे में कुछ नहीं बताया। ध्यान देने की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह दोनों अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के समय से ही उचित समय पर जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली का भरोसा देते रहे हैं।
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