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    रामराज्य से लेकर गिरगिट तक..., I.N.D.I.A. को नीतीश ने कहा अलविदा तो विपक्षी नेता हुए आग-बबूला; क्या बैकफुट पर आ गई कांग्रेस?

    Updated: Sun, 28 Jan 2024 09:30 PM (IST)

    आईएनडीआईए के मुख्य सूत्रधार रहे नीतीश कुमार के गठबंधन से अलग होते ही कांग्रेस सहित समूचा विपक्षी गठबंधन बैकफुट पर दिखा। कांग्रेस पार्टी के भीतर इसे ले ...और पढ़ें

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    विपक्षी गठबंधन से आईएनडीआईए ने तोड़ो नाता तो विपक्षी नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी।(फोटो सोर्स: जागरण)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जिस आइएनडीआइए गठबंधन के दम पर मोदी सरकार को सत्ता से हटाने का दम-खम भर रही थी, उसके मुख्य सूत्रधार रहे नीतीश कुमार के गठबंधन से अलग होते ही कांग्रेस सहित समूचा विपक्षी गठबंधन बैकफुट पर दिखा। कांग्रेस पार्टी के भीतर इसे लेकर बेचैनी साफ दिखाई दी।

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    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आया राम गया राम जैसे कई लोग है। उन्हें तो पहले से ही पता था कि वह जा रहे है। लालू और तेजस्वी ने उन्हें पहले ही यह बता दिया था, लेकिन हम गठबंधन को बरकरार रखने के लिए लिए चुप थे।

    वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि नीतीश कुमार तो गिरगिट से भी बढ़कर है। नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद आइएनडीआइए में शामिल दूसरे विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने भी नीतीश कुमार पर तीखे हमले किए।

    आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना: अखिलेश यादव

     समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 'आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है। जनता इसका करारा जवाब देगी। कोई भी आप पर विश्वास न करें। एक व्यक्ति के रूप में किसी की इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती।'

    भाजपा ऐसा ही राम राज्य लाना चाहती है: शिवसेना (यूबीटी)

    शिवसेना यूबीटी ने भी नीतीश पर तीखा हमला बोला व कहा कि यह बिहार और देश के साथ धोखा है। विपक्षी दलों ने इस दौरान भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि क्या भाजपा ऐसा ही राम राज्य लाना चाहती है। यदि वह इंडिया गठबंधन को कमजोर करना चाहती है तो उनकी यह बड़ी भूल है।

     डीएमके ने भी नीतीश के कदम को विपक्षी गठबंधन को कमजोर करने वाला बताया। हालांकि इससे पहले नीतीश कुमार ने गठबंधन का साथ छोड़ने के साथ ही उसके भविष्य को लेकर वह आखिरी कील ठोकने से नहीं चूके, जिसमें उन्होंने विपक्षी गठबंधन में कुछ काम न होने और सुस्त होने का आरोप लगाया।

    दूसरे विपक्षी दलों के लिए क्या नीतीश ने खोल दिया रास्ता

    माना जा रहा है कि यह पहल गठबंधन के दूसरे साथियों को भी अपना अलग रास्ता चुनने के लिए प्रेरित कर सकता है। वैसे तो नीतीश कुमार के आइएनडीआइए गठबंधन से अलग होने को लेकर चर्चाएं तो पिछले कई दिनों से तेज थी, लेकिन रविवार को जैसे ही नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा सौंपा और यह ऐलान किया है कि वह भाजपा के साथ मिलकर राज्य में फिर से सरकार बनाने जा रही है। उसके बाद तो सबसे पहली प्रतिक्रिया कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने दी।

    कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा

    उन्होंने कहा कि ' देश में आया राम- गया राम जैसे कई लोग है। पहले तो और हम मिलकर लड़ रहे थे। जब मैंने लालू और तेजस्वी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश कुमार जा रहे है। अगर वह रुकना चाहते तो रुक सकते थे लेकिन वह जाना चाहते थे। इसलिए ये बात हमें पहले से ही पता था लेकिन गठबंधन को बरकरार रखने के लिए हमने कुछ नहीं कहा। अगर हम कुछ कहते तो गलत संदेश जाता। इसकी जानकारी उन्हें पहले से ही थी। आज वह सच हो गया।'

    कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तो कहा कि नीतीश कुमार इतनी बार पाला बदल चुके है, कि गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड की जगह अब उसका नाम ही नीतीश कुमार ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड हो जाना चाहिए।

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