Maharashtra Election 2024: पिता को मिला टिकट, फिर भी बेटे ने छोड़ दी बीजेपी; क्यों नाराज हुए संदीप नाईक?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दल बदलने का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी को मुंबई में बड़ा झटका लगा है। नई मुंबई के भाजपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक ...और पढ़ें
राज्य ब्यूरो, मुंबई। नई मुंबई के भाजपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक संदीप नाईक टिकट न मिलने से नाराज होकर भाजपा छोड़ राकांपा (शरदचंद्र पवार) में हुए शामिल हो गए हैं। भाजपा ने अपनी पहली सूची में संदीप नाईक के पिता गणेश नाईक को ठाणे की ऐरोली विधानसभा सीट से टिकट घोषित किया है, लेकिन संदीप नाईक को टिकट मिलने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। भाजपा से टिकट मिलता न देख संदीप नाईक राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की उपस्थिति में उनकी पार्टी में शामिल हुए।
इस अवसर पर एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए जयंत पाटिल ने कहा कि पहले जब भी मैं नई मुंबई आता था, तो मुझे ऐसा लगता था कि कुछ कमी है, लेकिन आज मुझे लग रहा है कि वह कमी पूरी हो गई है।
विरोधी दलों के लिए झटका
पाटिल ने नाईक के राकांपा (शप) के साथ आने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि विरोधी दलों के लिए यह एक बड़ा झटका है। भाजपा के वरिष्ठ नेता गणेश नाईक के पुत्र संदीप नाईक ने कहा कि मैंने पहले भी अपमान सहन किया है, लेकिन अब मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा।
बीजेपी को लग सकता है झटका
बता दें कि उनके राकांपा (शप) में शामिल होने के फैसले से हलचल मचने की उम्मीद है, क्योंकि नई मुंबई में उनके परिवार की जड़ें मजबूत मानी जाती हैं। वह 2014 में नई मुंबई की ऐरोली सीट से राकांपा के ही विधायक रह चुके हैं। उनके भाई संजीव नाईक राकांपा के सांसद रह चुके है।
निर्धार मेळावा!
— Sandeep Naik (@isandeepgnaik) October 22, 2024
बेलापूर मतदार संघातील लोकप्रतिनिधी, पदाधिकारी आणि असंख्य कार्यकर्त्यांनी आज राष्ट्रवादी काँग्रेस (शरदचंद्र पवार गट) पक्षाचे प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील यांच्या नेतृत्वाखाली पक्षप्रवेश केला. पाहूया याचीच काही क्षणचित्रे. pic.twitter.com/58jvkbcAHk
संदीप नाईक के पिता गणेश नाईक नई मुंबई में शिवसेना के बड़े नेता माने जाते थे। शरद पवार द्वारा 1999 में राकांपा का गठन करते समय ही वह उनके साथ राकांपा में शामिल हो गए थे। 2019 के विधानसभा चुनाव से कुछ पहले वह और उनके दोनों पुत्र संजीव नाईक एवं संदीप नाईक भाजपा में आ गए थे।
टिकट ना मिलने से नाराज संदीप नाईक
संजीव नाईक बीते लोकसभा चुनाव में ठाणे से भाजपा के उम्मीदवार बनना चाह रहे थे, लेकिन यह सीट शिवसेना (शिंदे) के हिस्से में चले जाने से उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी। अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उनके पिता को तो टिकट दिया, लेकिन संदीप नाईक को टिकट नहीं मिल सका। इससे नाराज संदीप ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) का दामन थाम लिया है।

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