PM Narendra Modi: आतंक के लिए मोदी ने अपनाया जीरो टालरेंस पालिसी- गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार तीसरा मंत्रस्तरीय सम्मेलन No Money for Terror (NMFT) का आयोजन नई दिल्ली में 18 और 19 नवंबर को कर रही है। इसमें 75 देशों और अंतरराष्ट्रीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

नई दिल्ली, पीटीआई। आतंक को लेकर मोदी सरकार जीरो टालरेंस पालिसी अपना रही है। साथ ही इस आतंक के खतरे के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत के दृढ़ संकल्प से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार तीसरा मंत्रस्तरीय सम्मेलन 'No Money for Terror' (NMFT) का आयोजन नई दिल्ली में 18 और 19 नवंबर को कर रही है। इसमें 75 देशों और अंतरराष्ट्रीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। NMFT सम्मेलन के जरिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे के प्रति मोदी सरकार की सजगता जाहिर होती है साथ ही इसके खिलाफ जीरो टालरेंस पालिसी भी जाहिर हो रही है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, NMFT सम्मेलन की मेजबानी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे, इस बुराई को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस मुद्दे पर चर्चा कराने को मोदी सरकार द्वारा दी जा रही अहमियत को दर्शाती है।
केंद्रीय गृहमंत्री करेंगे शिरकत
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे तथा आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में सफलता हासिल करने के लिए आतंकवाद एवं उसके सहयोग तंत्र के खिलाफ संघर्ष में भारत का संकल्प सामने रखेंगे। बयान के अनुसार इस सम्मेलन का लक्ष्य , पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) के पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जो चर्चा की थी, उसे आगे ले जाना है।
उसका मकसद आतंकवाद वित्तपोषण के सभी पक्षों के तकनीकी, कानूनी एवं सहयेाग पहलुओं पर चर्चा शामिल को करना है। उसमें आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर केंद्रित अन्य उच्च स्तरीय आधिकारिक एवं राजनीतिक चर्चा को गति प्रदान करने की कोशिश की जाएगी।
सालों से दुनिया में आतंकवाद से जूझ रहे कई देश
दुनियाभर में कई देश वर्षों से आतंकवाद एवं उग्रवाद से पीड़ित हैं। इस हिंसा के स्वरूप भले ही भिन्न भिन्न हैं लेकिन वह काफी हद तक अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल एवं दीर्घकालिक जातीय संघर्षों के कारण उत्पन्न होती है। भारत ने पिछले तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद के विभिन्न रूपों को झेला है, इसलिए वह इस स्थिति से प्रभावित देशों की पीड़ा समझता है।
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