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    इस्लाम नहीं, कुछ मुस्लिम मर्दों की मनमानी खतरे में है: एमजे अकबर

    एमजे अकबर ने कहा कि यह विधेयक नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं के दर्द और परेशानियों को समझता है।

    By Manish NegiEdited By: Updated: Fri, 29 Dec 2017 12:10 PM (IST)
    इस्लाम नहीं, कुछ मुस्लिम मर्दों की मनमानी खतरे में है: एमजे अकबर

    नई दिल्ली, प्रेट्र। तीन तलाक को तत्काल अवैध घोषित करने वाले विधेयक का बेधड़क बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि यह विधेयक उन नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है जो हर वक्त तलाक दे दिए जाने के डर में जीती हैं।

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    विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने गुरुवार को लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं (निकाह के हकों की सुरक्षा) बिल पर बहस के दौरान कहा कि इस विधेयक से देश, समुदाय और राष्ट्र को फायदा होगा। इसमें लैंगिक प्रगति को भी बढ़ावा मिलेगा।

    अकबर ने कहा कि यह विधेयक नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं के दर्द और परेशानियों को समझता है। इस बिल से उन लोगों को तगड़ा झटका लगेगा जो तलाक के नाम पर महिलाओं को हमेशा दहशत और आतंक के साए में रखना चाहते हैं। कुरान की आयतों को पढ़ते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पवित्र धर्मग्रंथ भी यही कहता है कि मुस्लिम महिलाओं का जो हक है उन्हें हर हाल में उससे ज्यादा ही मिलना चाहिए, उससे कम कतई नहीं।

    नेहरु युग को याद करते हुए एमजे अकबर ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने कहा था कि वह मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार नहीं करा सके क्योंकि वह समय उपयुक्त नहीं था। फिर भी कांग्रेस सरकारों ने संसद में पूर्ण बहुमत के बावजूद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में कोई सुधार नहीं किया गया।

    उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार का यही उपयुक्त समय है। संभव है कि कानून बहुत अच्छा न बना हो लेकिन आदर्श स्थिति के लिए हमें किसी अच्छी चीज को नहीं छोड़ना चाहिए।

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