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    Meghalaya Elections 2023: मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग कल, ये मुद्दे डाल सकते हैं वोटरों पर असर

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sun, 26 Feb 2023 08:50 AM (IST)

    Meghalaya Elections 2023 मेघालय में विधानसभा चुनाव के लिए कल मतदान होना है। बता दें कि 60 सीटों वाली मेघालय विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त होगा। राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

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    Meghalaya Elections 2022: मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग कल (फाइल फोटो)

    शिलांग (मेघालय), एजेंसी। मेघालय में विधानसभा चुनाव के लिए कल मतदान होना है। 21 लाख से अधिक मतदाता सोमवार को 369 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। राज्य के 59 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 3,419 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। मतदान सोमवार को सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम चार बजे तक चलेगा।

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    इन क्षेत्रों में आती हैं विधानसभा सीटें

    मेघालय के 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 36 खासी और जयंतिया हिल्स क्षेत्र में आती हैं, जबकि 24 गारो हिल्स क्षेत्र में आती हैं। हालांकि, राज्य के पूर्व गृह मंत्री और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के उम्मीदवार एचडीआर लिंगदोह के निधन के बाद सोहियोंग विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान स्थगित कर दिया गया है।

    21 लाख मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग

    बता दें कि इस साल 21 लाख से अधिक (21,75,236) पंजीकृत और पात्र मतदाता हैं, जिनमें 10.99 लाख महिलाएं और 10.68 लाख पुरुष हैं। मेघालय में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष के मुकाबले में अधिक है। राज्य में लगभग 81,000 मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। इसके अलावा कुल 369 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 36 महिलाएं हैं। वहीं, कुल उम्मीदवारों में से 44 निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

    NPP के लिए खड़ी हुई मुश्किलें

    सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को इस बार सत्ता विरोधी लहर से जूझना पड़ सकता है। दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की कमी इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है। इसके अलावा भ्रष्टाचार के आरोप भी एनपीपी सरकार के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बने हुए हैं। इसके अलावा जयंतिया और खासी हिल्स में अवैध कोयला खनन की समस्या भी चुनाव में असर डाल सकता है।

    ये मुद्दे डाल सकते हैं वोटरों पर असर

    हालांकि, जब भी मेघालय में चुनाव आते हैं तो बेरोजगारी की समस्या का मुद्दा उठने लगता है। सभी पार्टियों द्वारा अपने घोषणापत्र में नौकरियां देने का वायदा भी किया था। वहीं, एनपीपी ने लंबे समय से लंबित मुद्दे के साथ मेघालय के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की मांग करने को लेकर भाजपा पर हमला भी किया।

    भाजपा ने किया बड़ा दावा

    मेघालय चुनाव में एक अन्य महत्वपूर्ण ईसाई और गैर-ईसाई हैं, जो विशेष रूप से खासी हिल्स क्षेत्र से आते हैं। वहीं, मेघालय भाजपा प्रमुख अर्नेस्ट मावरी ने शुक्रवार को कहा कि अगर भाजपा चुनावी राज्य में सत्ता में आती है, तो वे बीफ खाने वाले लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। अर्नेस्ट मावरी ने एएनआई को बताया कि मेघालय एक ईसाई बहुल राज्य है और अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वह ईसाइयों को अधिक सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा हम मेघालय में गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। अगर हम सरकार बनाते हैं, तो यह मेघालय के लिए बेहतर होगा।

    2018 में कांग्रेस बनी थी सबसे बड़ी पार्टी

    बता दें कि 60 सीटों वाली मेघालय विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त होगा। राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है। 2018 के विधानसभा चुनावों में, सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटें मिलीं, कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दो सीटें जीतने में सफल रही। वहीं, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) ने छह सीटों पर कब्जा किया था। बता दें कि मतगणना दो मार्च को होगी।

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