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    'मेधा पाटकर को बुलाना है तो पाक नेता को भी बुला लो', संसदीय समिति की बैठक का बीजेपी सांसदों ने क्यों किया बहिष्कार?

    संसदीय समिति की बैठक में भाजपा सांसदों ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को बुलाने का विरोध किया। भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि पाटकर ने गुजरात में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने के खिलाफ प्रदर्शन किया जो देशविरोधी था। कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलाका ने भूमि अधिग्रहण कानून पर पाटकर के विचार सुनने के लिए बुलाया था लेकिन भाजपा सांसदों ने बैठक छोड़ दी और उन्हें देशद्रोही करार दिया।

    By Agency Edited By: Sakshi Pandey Updated: Wed, 02 Jul 2025 12:20 PM (IST)
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    ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति की बैठक पोस्टपोन हुई। फाइल फोटो

    पीटीआई, नई दिल्ली: एक संसदीय समिति की बैठक मंगलवार को उस वक्त अचानक रोकनी पड़ी जब भाजपा सांसदों ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को समिति में विचार व्यक्त करने के लिए बुलाने का विरोध किया। बैठक शुरू होते ही भाजपा सांसदों ने पाटकर की मौजूदगी पर आपत्ति जताई। 

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    भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि मेधा पाटकर ने गुजरात में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था और यह कदम देशविरोधी था। सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने उन पर देश के विकास के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्हें देशद्रोही तक करार दे डाला। सांसदो ने कहा, जब समिति में पाटकर जैसों को बुलाना है तो पाक नेता भी बुला लो।

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    मेधा पाटेकर को बैठक में बुलाया

    ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलाका कर रहे हैं। उन्होंने पाटकर को भूमि अधिग्रहण कानून के क्रियान्वयन और प्रभावशीलता पर उनके विचार सुनने के लिए बुलाया था, जिसे 2013 में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय पारित किया गया था।

    बीजेपी सांसदों ने बैठक बीच में छोड़ी

    पाटकर की मौजूदगी का विरोध करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद परषोत्तम रूपाला अपनी पार्टी के अन्य सांसदों के साथ इस बैठक से बाहर निकल गए। इस दौरान उन्होंने पाटकर को ''देशद्रोही'' करार दिया। एक भाजपा सांसद ने यह भी सवाल उठाया कि अगर ऐसे लोगों को बुलाना है तो क्या पाकिस्तान के नेताओं को भी ऐसी बैठकों में बुलाया जा सकता है?

    बीजेपी-कांग्रेस में बढ़ा विवाद

    एक भाजपा सांसद ने कहा कि उन्हें पाटकर को समिति के सामने बुलाने के निर्णय के बारे में नहीं बताया गया। सूत्रों ने कहा, यह आमतौर पर अध्यक्ष का विशेषाधिकार होता है कि वह नाम चुनें। हालांकि सदस्य इस पर सुझाव दे सकते हैं। उधर, उलाका ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि संसदीय समिति के लिए यह एक मानक प्रथा है कि वह विभिन्न मुद्दों पर समाज के सदस्यों और अन्य हितधारकों को सुनती है।

    उलाका ने कहा-

    हम भूमि अधिग्रहण कानून पर उनके विचार सुनना चाहते थे। हम सभी से राय लेना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें अनुमति नहीं दी।

    कांग्रेस ने बैठक समाप्त की

    जब भाजपा सांसद बाहर निकले तो उलका ने कहा कि उन्होंने बैठक को समाप्त करने का निर्णय लिया क्योंकि कोरम पूरा नहीं था। उधर, पाटकर ने कहा कि वह पहले भी संसदीय समितियों के सामने उपस्थित हो चुकी हैं, मगर इस बार का अनुभव खराब रहा। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी बैठक में मौजूद थे लेकिन उन्होंने इस विवाद पर प्रतिक्रिया नहीं दी।

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