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    Manmohan Singh: 'दोस्त, मार्गदर्शक और दार्शनिक', पूर्व PM मनमोहन सिंह को याद कर भावुक हुईं सोनिया गांधी

    सोनिया गांधी ने शोक संदेश में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान बड़प्पन और विनम्रता के प्रतीक थे। उन्होंने पूरे दिल और दिमाग से देश की सेवा की। वह कांग्रेस पार्टी के लिए मार्गदर्शन करने वाले प्रकाशपुंज थे। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीय नागरिकों के जीवन को बदल दिया और सशक्त बनाया।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 27 Dec 2024 10:25 PM (IST)
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    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस ने जताया दुख।(फोटो सोर्स: पीटीआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को अपने लिए बड़ी व्यक्तिगत क्षति करार दिया। उन्होंने कहा कि वह उनके लिए मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। कांग्रेस पार्टी और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व करेंगे कि हमारे पास डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है।

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    सोनिया गांधी ने शोक संदेश में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता के प्रतीक थे। उन्होंने पूरे दिल और दिमाग से देश की सेवा की। वह कांग्रेस पार्टी के लिए मार्गदर्शन करने वाले प्रकाशपुंज थे। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीय नागरिकों के जीवन को बदल दिया और सशक्त बनाया। वह अपने व्यवहार में बहुत सौम्य थे, लेकिन अपने गहरे विश्वासों में बहुत दृढ़ थे।

    उनके साथ समय बिताना, मतलब ज्ञान से प्रबुद्ध होना: सोनिया गांधी

    कांग्रेस नेता ने कहा कि सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता गहरी और अटूट थी। सोनिया गांधी ने इस बात का उल्लेख किया, 'उनके साथ कोई भी समय बिताने का मतलब उनके ज्ञान और दूरदर्शिता से प्रबुद्ध होना, उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से प्रभावित होना और उनकी वास्तविक विनम्रता से आश्चर्यचकित होना था।

    वह हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक ऐसा शून्य छोड़ गए हैं, जिसे कभी नहीं भरा जा सकता। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व करेंगे। हम आभारी रहेंगे कि हमारे पास डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है।

    कांग्रेस कार्यसमिति ने मनमोहन सिंह को बताया आर्थिक उदारीकरण का शिल्पी

    पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस कार्य समिति ने शनिवार को न सिर्फ एक शोक प्रस्ताव पारित कर उन्हें अपनी श्रद्धाजंलि दी बल्कि देश के विकास में उनके अहम योगदान को भी याद किया। समिति ने उन्हें देश के आर्थिक उदारीकरण का शिल्पकार बताते कहा कि अपनी दूरदर्शिता से उन्होंने देश को आर्थिक संकट से उबारने में अहम भूमिका निभायी।

    मनमोहन सिंह का काम हमेशा देश को प्रेरित करता रहेगा: कांग्रेस

    आर्थिक सुधारों की शुरुआत उन्होंने अपने समय में ही की थी। वैश्विक बाजार के लिए देश के द्वार खोले। जिसका परिणाम यह है कि देश आज एक मजबूत आर्थिक ताकत बनकर दुनिया के सामने खड़ा है।

    कार्यसमिति ने इस दौरान उनकी यादों को जिंदा रखने और उनके योगदान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। समिति ने कहा कि आर्थिक सुधार, सामाजिक न्याय व समावेशी विकास के क्षेत्र में किए गए उनके कार्य सदैव हमें प्रेरित करेंगे।

    उन्होंने ईमानदारी, परिश्रम और सहानुभूति के जो आदर्श स्थापित किए है वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक दीपस्तंभ बने रहेंगे। डॉ. सिंह का नेतृत्व और अर्थशास्त्र में उनका योगदान हमेशा जीवित रहेगा। डॉक्टर सिंह कांग्रेस कार्यसमिति के भी लंबे समय तक सदस्य रहे।

    कार्य समिति ने पारित अपने शोक प्रस्ताव में कहा है कि डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 13वें प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व शांति, दृढ़ संकल्प व असाधारण बुद्धिमत्ता के साथ किया। उनका कार्यकाल निरंतर आर्थिक वृद्धि, वैश्विक पहचान व सामाजिक प्रगति से चिह्नित था।

    मनमोहन सिंह ने वैश्विक वित्तीय संकट से देश को बचाया

    उन्होंने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान देश को बचाने के लिए अहम रणनीतिक उपाय किए। जिसका असर यह था देश उस संकट से बचकर निकला। उनके नेतृत्व में मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, ऐतिहासिक भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून व सूचना का अधिकार जैसे कानूनों के जरिए देश को सशक्त बनाने की कोशिश की है।

    प्रस्ताव में कहा गया है कि राजनेता के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री एक सम्मानित शिक्षाविद् भी थे। उनकी अर्थशास्त्र की गहरी समझ और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने अनगिनत छात्रों, विद्वानों और नीति निर्माताओं को प्रेरित किया।

    समिति ने उनकी विनम्रता और शालीनता को भी याद किया और कहा कि उनका व्यवहार शांत, संतुलित और हमेशा ईमानदारी से प्रेरित था। यही नहीं, किस तरह गरिमा, विनम्रता किसी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति के चरित्र का हिस्सा हो सकती है, वे इसका बड़ा उदाहरण थे।

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