'जनादेश एक पल का नहीं, बल्कि 5 साल...', कर्नाटक में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच चले 'शब्द' बाण
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच मतभेद सामने आए हैं। सिद्दरमैया के 'जनादेश पांच साल का' वाले बयान पर शिवकुमार ने पलटवार किया, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल है। विपक्षी दल सरकार पर हमला कर रहे हैं और इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार। (पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर कुर्सी को लेकर जारी सियासी खींचतान अब खुले तौर पर बाहर आ गई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के पोस्ट, 'शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है', का जवाब दिया, जिसके बाद कांग्रेस की कलह सड़क पर आ गई।
डीके शिवकुमार के पोस्ट के जवाब में सीएम सिद्दरमैया ने लिखा, "एक शब्द तब तक ताकत नहीं है जब तक वह लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बनाए।"
जनादेश एक पल का नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी- सिद्दरमैया
हालांकि, बाद में उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा, "कर्नाटक के लोगों का दिया हुआ जनादेश एक पल का नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है जो पूरे पांच साल तक चलती है। कांग्रेस पार्टी जिसका मैं सदस्य हूं, लोगों के लिए लगातार हिम्मत के साथ काम कर रहे हैं। कर्नाटक के लिए हमारा वचन कोई नारा नहीं है, यह हमारे लिए दुनिया है।"
क्या है रोटेशनल मुख्यमंत्री विवाद?
"शब्द" पर विवाद साफ तौर पर रोटेशनल मुख्यमंत्री पद के वादे से उपजा है, जिसके बारे में टीम शिवकुमार ने दावा किया था कि यह पार्टी हाईकमान ने किया था। हालांकि सिद्दरमैया ने दावा किया था कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था, जबकि केंद्रीय नेताओं ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।

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