'फिर मेरे रोजे पर जाने पर आपत्ति क्यों', तुष्टीकरण के आरोपों पर ममता बनर्जी का पलटवार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तुष्टीकरण के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं और सभी उत्सवों में शामिल होती हैं। उन्होंने ...और पढ़ें

ममता बनर्जी का तुष्टीकरण पर पलटवार (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोधी दलों, विशेषकर भाजपा के अल्पंसख्यकों के तुष्टीकरण के आरोपों पर पलट सवाल करते हुए कहा कि वे हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सभी धर्मों के उत्सवों में शामिल होती हैं, फिर उनके रोजे पर जाने पर ही आपत्ति क्यों जताई जाती है? कुछ लोग केवल चुनाव के समय धर्म को याद करते हैं, जबकि उनकी सरकार ने हमेशा आस्था का सम्मान किया है।
सोमवार को कोलकाता से सटे न्यूटाउन इलाके में 'दुर्गा आंगन (दुर्गा मंदिर) का शिलान्यास करने के बाद अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री ने कहा-'मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व गिरजाघर, सभी जगह जाती हूं। फिर मेरे रोजे पर जाने पर ही सवाल क्यों उठाए जाते हैं?
मालूम हो कि भाजपा विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ममता को 'नकली हिंदू करार देते हुए आरोप लगाया है कि वे चुनाव करीब आते ही मंदिर बनाने का नाटक करती हैं, जबकि असल में तुष्टीकरण की राजनीति करती हैं।
ममता ने दूसरे राज्यों में बांग्लाभाषियों पर हमले की फिर कड़ी निंदा करते हुए कहा-'बांग्ला भाषा में बात करने पर बांग्लादेशी समझ लिया जा रहा है। हम सह रहे हैं। धैर्य रख रहे हैं लेकिन इसकी भी एक सीमा है। उन्होंने बंगाली अस्मिता का मुद्दा उठाते हुए कहा-'हमारी सरकार का लक्ष्य बंगाल की परंपराओं को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करना है। बंगाल पूरी दुनिया को राह दिखाएगा।
विश्व का सबसे बड़ा दुर्गा मंदिर बनाने का दावा
ममता ने दावा किया कि दुर्गा आंगन विश्व का सबसे बड़ा दुर्गा मंदिर होगा। उन्होंने कहा-'17.28 एकड़ भूमि पर निर्मित होने वाले इस मंदिर के परिसर में एक साथ एक लाख लोग बैठ सकेंगे। कुल 1,008 स्तंभ होंगे। 108 देवी-देवताओं की मूर्तियां लगाई जाएंगी। मुख्य गर्भगृह की ऊंचाई 54 मीटर होगी। सांस्कृतिक संग्रहालय भी बनाया जाएगा। मंदिर के निर्माण में 262 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां गणेश, लक्ष्मी, कार्तिकेय व सरस्वती के अलग-अलग मंदिर भी होंगे।
जनवरी में महाकाल मंदिर व गंगासागर सेतु का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने सूचित किया कि सिलीगुड़ी में प्रस्तावित महाकाल मंदिर का शिलान्यास जनवरी के दूसरे सप्ताह होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है और शिलान्यास का दिन भी उन्होंने सोच लिया है।
उससे पहले पांच जनवरी को वे गंगासागर सेतु का शिलान्यास करेंगी। इस परियोजना के लिए 1,700 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। दो साल में सेतु का काम पूरा किया जाएगा।

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