Maharashtra Politics: फिर एक होंगे अजित और शरद पवार? परिवार से ही मिल रहे संकेत
Maharashtra Politics पवार फैमिली के एकजुट होने के कयास एक बार फिर लगने लगे हैं। ये अटकलें तब और ज्यादा बढ़ गईं जब अजित पवार ने शरद पवार के जन्मदिन पर उनसे मुलाकात की। अब परिवार के एक सदस्य का बयान भी खूब चर्चा में है जिससे अफवाहों का बाजार गर्म है। शरद गुट के नेता ने कहा कि कार्यकर्ताओं की ही मांग है कि दोनों गुट एक हो जाएं।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Politics महाराष्ट्र की राजनीति में 'पवार फैमिली' हमेशा चर्चा में बनी रहती है। दो धड़ों में बंटे इस परिवार के एकजुट होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, ये अटकलें तब और ज्यादा बढ़ गईं जब अजित पवार ने शरद पवार के जन्मदिन पर उनसे मुलाकात की।
वहीं, अब परिवार के एक सदस्य का बयान भी खूब चर्चा में है, जिससे अफवाहों का बाजार गर्म है।
सुनंदा पवार के बयान से लगने लगे कयास
दरअसल, शरद पवार की पार्टी के विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार की बातों से ये कयास लगाए जा रहे हैं। उन्होंने अजित और शरद पवार गुट के एक हो होने की बात पर जोर दिया। सुनंदा ने कहा कि ये मेरी ही नहीं दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं।
सुनंदा ने आगे कहा कि जब परिवार एकजुट रहता है तो ताकतवर होता है। पवार परिवार अच्छे और बुरे समय पर एक रहा है और उसे अब भी ऐसा करना चाहिए।
इसमें कोई राजनीति नहींः सुनंदा
सुनंदा ने आगे कहा कि कार्यकर्ताओं की तरह मेरा भी मानना है कि अगर पार्टी एकजुट होती है तो वो और मजबूत होगी और राज्य में ताकत बनकर उभर सकती है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करती हूं।
क्या दोनों नेता एक होने पर करेंगे बात?
जब सुनंदा पवार से पूछा गया कि क्या दोनों नेता एक होने पर विचार करेंगे, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं केवल प्रचार अभियान से जुड़ी हूं और सक्रिय राजनीति से दूर रहती हूं। उन्होंने कहा कि ये फैसला अजित और शरद पवार की होगा कि क्या अब एक होने की जरूरत है।
बता दें कि हाल ही में अजित पवार ने दिल्ली में शरद पवार से मुलाकात की थी। उन्होंने शरद पवार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। शदर पवार गुरुवार को 84 साल के हो गए हैं। मुलाकात के बाद अजित पवार ने कहा था कि मैं केवल बधाई देने और चाचा से आशीर्वाद लेने आया था।
पिछले साल अलग हुए थे शरद और अजित पवार
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी में फूट पड़ी थी। एनसीपी दो धड़ो में बंट गई थी। अजित पवार को एनसीपी का नाम और चिह्न घड़ी मिल गया था वहीं, शरद गुट का नाम एनसीपी (शरदचंद्र पवार) रखा गया।
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