Maharashtra: 'वादा दो कि छोड़ दोगे...', अपने मंत्रियों पर सख्त हुए शिंदे; किस बात का लेंगे शपथपत्र?
Maharashtra Politics महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार हो चुका है। मंत्रिमंडल में 11 शिवसेना विधायकों को जगह मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम इसके चलते जल्द ही अपने मंत्रियों से एक शपथपत्र भी लेने वाले हैं ताकि उनपर काम का डर हो। शिंदे ने हाल ही में पार्टी के लिए एक नई नीति की भी घोषणा की है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार होने के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक्शन मोड में आ गए हैं। शिंदे ने अब शिवसेना मंत्रियों पर सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम इसके चलते जल्द ही अपने मंत्रियों से एक शपथपत्र भी लेंगे।
शिंदे अपने मंत्रियों से लेंगे शपथपत्र
शिंदे अपने मंत्रियों से शपथपत्र लेंगे कि वो ढाई साल बाद पार्टी छोड़ने को तैयार हैं ताकि अन्य दावेदारों के लिए जगह बनाई जा सके। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि शपथपत्र इसलिए लिए जा रहे हैं ताकि शिंदे चाहें तो आधिकारिक तौर पर उन्हें छोड़ सकें।
शिवसेना चीफ ने अपनाई ये नीति
शिंदे ने घोषणा की कि शिवसेना ने ‘काम करो या छोड़ो’ की नीति अपनाई है और जो काम करेगा, वह बना रहेगा। शिंदे के एक करीबी सहयोगी के अनुसार, शिंदे को शिवसेना विधायकों की वफादारी पर यकीन नहीं है। शिंदे सत्ता को समान रूप से वितरित कर अपने विधायकों को साथ रखना चाहते हैं।
भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कहने पर हटाए गए शिवसेना के तीन विधायक दीपक केसरकर, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत बहुत नाखुश बताए जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि संजय राठौड़, शिवसेना के एक और मंत्री, जिनके खिलाफ कई शिकायतें थीं, उनको इन शिकायतों के बावजूद बरकरार रखा गया है। सूत्रों ने संकेत दिया कि ऐसा देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी दोस्ती के कारण हुआ है।
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