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    Maharashtra Election: ...तो ये है नवाब मलिक को टिकट देने की वजह, अजित पवार को क्यों झुकना पड़ा?

    Updated: Wed, 30 Oct 2024 11:44 AM (IST)

    Maharashtra Election 2024 भाजपा पहले से नवाब मलिक को चुनाव लड़ाने के खिलाफ रही है। इसी कारण एनसीपी ने भी पहले नवाब मलिक की जगह उनकी बेटी सना मलिक को टिकट दिया था। लेकिन सबके मन में यही सवाल आ रहा है कि आखिर एनसीपी ने नवाब मलिक को अंतिम क्षण में मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट से टिकट क्यों दिया। इसके पीछे अजित पवार की क्या मजबूरी रही आइए जानें।

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    Maharashtra Election 2024 नवाब मलिक की टिकट पर बवाल।

    डिजिटल डेस्क, मुंबई। Maharashtra Election 2024 नवाब मलिक को जब से अजित गुट की एनसीपी ने टिकट दिया है, महायुति में बवाल मच गया है। भाजपा अब खुलेआम इसका विरोध कर रही है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी नवाब के लिए प्रचार नहीं करेगी और वो उसको हराने के लिए लड़ेगी।

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    भाजपा पहले से नवाब मलिक को चुनाव लड़ाने के खिलाफ रही है। इसी कारण एनसीपी ने भी पहले नवाब मलिक की जगह उनकी बेटी सना मलिक को टिकट दिया था। लेकिन सबके मन में यही सवाल आ रहा है कि आखिर एनसीपी ने नवाब मलिक को अंतिम क्षण में मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट से टिकट क्यों दिया। इसके पीछे अजित पवार की क्या मजबूरी रही, आइए जानते हैं...

    क्यों झुके अजित पवार?

    • लोकसभा चुनाव में एनसीपी को सिर्फ चार सीटें ही चुनाव लड़ने के लिए मिली थी। विधानसभा चुनाव में उन्हें महाराष्ट्र की 288 सीटों में से सबसे कम सीटें मिलीं, इसके बाद से पार्टी के नेता हर बात पर समझौता नहीं करना चाहते थे।
    • एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी के सूत्रों ने कहा कि नवाब मलिक को नामांकन न देने के लिए अजित पवार पर भाजपा का दबाव रहा है, लेकिन पवार को अपने करीबी लोगों और अपने पार्टी के नेताओं से भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी नेताओं का कहना था कि अजित पवार कुछ ज्यादा ही समझौता कर रहे हैं।
    • पवार को कहीं न कहीं खुद को साबित करना था और यह एक उपयुक्त समय था क्योंकि नवाब मलिक उनकी पार्टी के शीर्ष पांच नेताओं में से एक हैं। मलिक मुस्लिम समुदाय में एक प्रमुख चेहरा हैं और उनका समर्थन खोने से पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान काफी नुकसान हुआ था।

    मुस्लिम समुदाय को लुभाने की कोशिश

    एनसीपी के हमेशा से मुस्लिम समुदाय के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अजित पवार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद मुस्लिम वर्ग के वोटों का आधार कम हुआ है। 

    इस कारण दिया टिकट

    गठबंधन और भाजपा की आपत्तियों के चलते ही एनसीपी ने अंतिम क्षण तक नवाब मलिक को खुलकर अपना समर्थन नहीं दिया था। हालांकि, पार्टी नेताओं की मानते हुए अंत में नामांकन का समय खत्म होने से पांच मिनट पहले दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर समर्थन दिया गया। 

    सपा ने कसा तंज

    मानखुर्द से मलिक के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और समाजवादी पार्टी के तीन बार के मौजूदा विधायक अबू आजमी ने कहा है कि भाजपा जो आपत्तियां जता रही है, वो केवल दिखावा हैं। उन्होंने कहा कि इस मुकाबले में नवाब मलिक को केवल इसलिए लाया गया ताकि मुस्लिम वोटों में विभाजन हो सके।