Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    मुंबई में महायुति के तीन मुस्लिम उम्मीदवारों की राह आसान नहीं, उद्धव के साथ राज ठाकरे ने भी बढ़ाई टेंशन

    Updated: Sat, 16 Nov 2024 01:23 PM (IST)

    Maharashtra Election 2024 महायुति ने मुंबई में तीन मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। तीनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कोटे से हैं। अपने-अपने क्षेत्र में इन तीनों उम्मीदवारों की अपने प्रतिद्वंद्वियों से तगड़ी टक्कर हो रही है। चुनाव परिणाम आने पर ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है। कहीं शिवसेना यूबीटी टक्कर दे रही है तो कहीं राज ठाकरे की पार्टी उम्मीदवार चिंता बढ़ा रहे हैं।

    Hero Image
    Maharashtra Election 2024 महाराष्ट्र में आसान नहीं होगा ये चुनाव।

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। भाजपा नीत महायुति ने मुंबई में तीन मुस्लिम उम्मीदवार दिए हैं। तीनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कोटे से हैं। अपने-अपने क्षेत्र में इन तीनों उम्मीदवारों की अपने प्रतिद्वंद्वियों से तगड़ी टक्कर हो रही है। चुनाव परिणाम आने पर ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवाब मलिक की सीट पर दिलचस्प होगा मुकाबला

    राकांपा के नेता अजीत पवार ने मुंबई की मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट से अपने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नवाब मलिक को, अणुशक्ति नगर सीट से नवाब मलिक की ही पुत्री सना मलिक को एवं बांद्रा (पूर्व) की सीट से जीशान सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है।

    अबू आसिम आजमी से चुनौती

    नवाब मलिक 1996, 1999 एवं 2004 में नेहरू नगर तथा 2009 एवं 2019 में अणुशक्ति नगर से विधायक रह चुके हैं। इस बार उन्होंने अपनी अणुशक्ति नगर की सीट अपनी बेटी सना मलिक को सौंपकर, खुद मानखुर्द-शिवाजीनगर से लड़ने का फैसला किया है, जहां  तीन बार से समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी चुनकर आ रहे हैं।

    53 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले मानखुर्द-शिवाजीनगर का बड़ा भाग नवाब मलिक के पुराने निर्वाचन क्षेत्र नेहरूनगर का हिस्सा रहा है। इसलिए उन्हें भरोसा है कि वह इस बार अबू आसिम आजमी को चुनौती देने में सफल रहेंगे। लेकिन आजमी भी कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। वह अकेले ऐसे नेता हैं, जो महाराष्ट्र में दो सीटों से एक साथ चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। जबकि तब समाजवादी पार्टी बिना गठबंधन के लड़ी थी। इस बार तो वह कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) एवं शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन का हिस्सा बनकर लड़ रही है। इसलिए आजमी को चुनौती दे पाना नवाब मलिक के लिए आसान नहीं होगा।

    बेटी सना मलिक की स्थिति मजबूत

    दूसरी ओर, अणुशक्ति नगर सीट से उनकी पुत्री सना मलिक की स्थिति उनकी अपेक्षा ज्यादा मजबूत है। सना के पास अपने पिता द्वारा तैयार की गई जमीन तो है ही, वह खुद भी पिछले कुछ वर्षों से अणुशक्ति नगर के लोगों के बीच काम करती आ रही हैं।

    राकांपा के सहयोगी दल भाजपा की ओर से भी सना की उम्मीदवारी को लेकर कोई विरोध व्यक्त नहीं किया गया है। जबकि नवाब मलिक पर कुछ गंभीर आरोपों के कारण भाजपा महायुति उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी का विरोध करती रही है। लेकिन भाजपा के विरोध के बावजूद अजीत पवार ने नवाब मलिक को अंतिम समय में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

    सना मलिक के विरुद्ध सिने अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति फहद अहमद चुनाव लड़ रहे हैं। फहद पहले समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़नेवाले थे। फिर अचानक उन्हें राकांपा (शरदचंद्र पवार) का टिकट लेकर सना को चुनौती देने उतर पड़े। समाजवादी पार्टी के भी महाविकास आघाड़ी का हिस्सा होने के बावजूद ऐसा किस रणनीति के तहत किया गया है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। सिर्फ 23 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले अणुशक्ति नगर क्षेत्र में शिवसेना के वोट भी अच्छे-खासे हैं। 2014 में यहां से शिवसेना का ही विधायक चुना गया था। इस बार शिवसेना में विभाजन के कारण वह वोट किसके साथ जाएगा, अनुमान लगाना मुश्किल है।

    बाबा सिद्दीकी का बेटा भी मैदान में

    मुंबई में राकांपा (अजीत) के तीसरे एवं अंतिम मुस्लिम उम्मीदवार जीशान सिद्दीकी है, जिनके पिता बाबा सिद्दीकी की कुछ ही दिनों पहले गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई है। बाबा सिद्दीकी तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट से विधायक चुने गए। लेकिन 2014 में मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार से चुनाव हारने के बाद 2019 में उन्होंने अपने पुत्र जीशान सिद्दीकी को लगभग 33 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली बांद्रा (पूर्व) सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़वाया और जीशान शिवसेना उम्मीदवार विश्वनाथ महाडेश्वर को करीब छह हजार मतों से हराने में सफल रहे।

    यह सीट शिवसेना का गढ़ मानी जाती है। क्योंकि इसी क्षेत्र में शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे का घर है। कहा जा रहा है कि इस बार जीशान के सिर से पिता का साया उठ जाने के कारण मतदाताओं की सहानुभूति उनके साथ रहेगी। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) ने उनके खिलाफ ठाकरे परिवार के युवा रिश्तेदार वरुण सरदेसाई को उतारकर कड़े मुकबाले के संकेत दे दिए हैं।

    दूसरी ओर कभी शिवसेना के टिकट पर इसी क्षेत्र से एक उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण को हरा चुकीं तृप्ति सावंत को इस बार राज ठाकरे ने अपनी पार्टी मनसे का टिकट दे दिया है। इस त्रिकोणीय मुकाबले में लाटरी किसी की भी लग सकती है।